*बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा ठप, मरीजों को हो रही भारी परेशानी.*
अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में चार साल पहले स्थापित की गई अल्ट्रासाउंड मशीन अभी तक मरीजों के किसी काम नहीं आ सकी है। अस्पताल परिसर में बने अल्ट्रासाउंड रूम के बाहर वर्षों से लटका ताला व्यवस्था की जमीनी हकीकत को उजागर करता है।
बनमनखी:अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में चार साल पहले स्थापित की गई अल्ट्रासाउंड मशीन अभी तक मरीजों के किसी काम नहीं आ सकी है। अस्पताल परिसर में बने अल्ट्रासाउंड रूम के बाहर वर्षों से लटका ताला व्यवस्था की जमीनी हकीकत को उजागर करता है।
मिशन–60 डे के तहत बनमनखी अस्पताल को तीन वर्ष पूर्व बेहतर अस्पताल का पुरस्कार मिला था, मगर इसके बावजूद गर्भवती महिलाओं और अन्य मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा आज तक उपलब्ध नहीं हो पाई। प्रतिदिन 30 से 40 मरीजों को चिकित्सक अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह देते हैं, लेकिन अस्पताल में सेवा बंद होने के कारण उन्हें मजबूरन बाहरी केंद्रों का रुख करना पड़ता है, जहां उन्हें 800 से 1200 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
मरीजों का कहना है कि बाहर जांच कराने के दौरान कई दलाल उन्हें अपने पसंदीदा अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर ले जाते हैं, जहाँ से कमीशन मिलने की बात भी सामने आती है। इससे गरीब एवं ग्रामीण परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
उक्त मामले पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रिंस कुमार सुमन ने बताया कि “अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट पद पर तैनात कर्मी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी कारण अल्ट्रासाउंड जांच सेवा बंद है। विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति होने के बाद सेवा तत्काल शुरू कर दी जाएगी।”
ग्रामीणों और मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि अल्ट्रासाउंड सेवा जल्द बहाल की जाए, ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर उचित जांच और उपचार मिल सके।




