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“वोट चोरी बनाम वोट भ्रम : मुद्दों की बलि, बयानों की आरती”

   ✍️ -:संपादकीय व्यंग्य-विश्लेषण:-✍️ बिहार की राजनीति हर चुनाव से पहले एक नया नाटक रचती है। कभी जाति समीकरण की पटकथा, कभी विकास का अधूरा सपना, और…

*“बनमनखी का चुनावी मेला – टिकट का संग्राम, जनता बनी दर्शक” ”

✍️ संपादकीय व्यंग्य: ज्यों-ज्यों विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहा है, बनमनखी में नेता जी का दिल धड़कने लगा है।कोई अपना टिकट “पक्का” बता रहा है, तो कोई…

*वफा के इस सफर में किसी ने जिगर को ताड़ा है,लगता है किसी ने मेरे दिल पर पत्थर मारा है.*

वफ़ा के इस सफर में किसी ने जिगर को ताड़ा है लगता है किसी ने मेरे दिल पर पत्थर मारा है मुझे इस जगह से उस जगह पर कर दो मेरी चाहत पर नहीं मेरे दिल…