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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बिहार वासियों से सीधा संवाद,विभिन्न योजनाओं के लिए 294 करोड़ की दिया सौगात.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बिहार वासियों से सीधा संवाद,विभिन्न योजनाओं के लिए 294 करोड़ की दिया सौगात.

*विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी 30 रैलियां करेंगे, इसमें से 6 वर्चुअल रैली चुनाव की घोषणा से पहले होंगी

*चुनाव से पहले होने वाली हर रैली में उद्घाटन, शिलान्यास और घोषणाएं की जाएंगी

सम्पूर्ण भारत डेस्क:-रउआ सभे के प्रणाम बा..देशवा खातिर..बिहार खातिर..गांव के जिंदगी आसान बनावे खातिर आउर व्यवस्था ठीक करे खातिर डेयरी आउर कृषि से जुड़ले सैकड़ों करोड़ के योजना के लोकार्पण भइल बा। एकरा खातिर सौंसे बिहार के लोगन के बधाई दे तानी….। इन्हीं शब्दों के साथ प्रधानमंत्री ने मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने देश के 21 राज्यों में 1700 करोड़ और बिहार को 294 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी। पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर और किशनगंज में डेयरी और फिशरीज के कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्णिया की मोनिका भारती और बरौनी के ब्रजेश कुमार से बात की।

*आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ते कदम*
मोदी ने कहा कि जितनी योजनाएं शुरू हुई है उसके पीछे यही सोच है कि देश के कदम आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़े। ब्लू रिवॉल्यूशन यानि मछली पालन, व्हाइट रिवॉल्यूशन यानि डेयरी से जुड़े काम और स्वीट रिवॉल्यूशन यानि शहद से जुड़े कार्यों से गांव को समृद्ध बनाने की योजना है। गांव सशक्त बनेगा तो देश मजबूत होगा। अभी 1700 करोड़ का काम शुरू हो रहा है और अगले चार-पांच सालों में इस सेक्टर में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।पीएम ने कहा कि समंदर और नदी किनारे क्षेत्रों में मछली कारोबार को ध्यान में रखते हुए पहली बार इतनी व्यापक योजनाएं बनाई गई है। आजादी के बाद से अब तक इतना निवेश कभी नहीं हुआ। मछली से जुड़े कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया है, मछुआरों को इससे बहुत सुविधा होगी। हमारा लक्ष्य है कि अगले तीन से चार सालों में मछली निर्यात को दोगुना किया जाए। अगले तीन से चार सालों में फिशरीज सेक्टर में रोजगार के लाखों अवसर बढ़ेंगे।

*मिशन डॉल्फिन से नीतीश बाबू उत्साहित हैं*

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप लोगों की बातें सुनकर और विश्वास बढ़ गया है। मछली पालन साफ पानी पर निर्भर करता है। इससे गंगा नदी को भी स्वच्छ करने में मदद मिल रही है। 15 अगस्त को मिशन डॉल्फिन की घोषणा की गई, नीतीश बाबू इस मिशन से ज्यादा उत्साहित हैं। इससे गंगा तट पर बसे लोगों को बहुत लाभ मिलेगा। नीतीश के नेतृत्व में गांव-गांव में पानी पहुंचाने पर काम हो रहा है। 5 साल पहले सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों के घर पीने का साफ पानी पहुंचता था अब 70 प्रतिशत घरों तक साफ पानी पहुंच रहा है।जल-जीवन-हरियाली भी अद्भुत योजना है।कोरोना के चलते देश में जब सब कुछ थम गया था तब भी हमारे गांवों में आत्मविश्वास के साथ काम चलता रहा। लोगों का आत्मविश्वास ही है कि मंडियों तक साग, सब्जी और दूध पहुंचता रहा। अन्न, फल, दूध और सब्जी का उत्पादन होता रहा। कोरोना काल में डेयरी उद्योग ने रिकॉर्ड खरीद की। 10 करोड़ लोगों के खाते में सीधा पैसा पहुंचा, इनमें से 75 लाख किसान बिहार के हैं।

*ई-गोपाला ऐप किया लॉन्च*

नरेंद्र मोदी ने ई-गोपाला ऐप को लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि पशुओं को बीमारी से मुक्त रखने के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चल रहा है। कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम शुरू किया है। आने वाले समय में बिहार में डेयरी सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं। ई-गोपाला ऐप से उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी। ऐप पर किसानों को दूध की उत्पादकता और पशु के स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां मिलेंगी। पता चलेगा कि उनके पशु को क्या बीमारी है। ऐप पशु आधार से जोड़ा जा रहा है। ऐप में पशु आधार नंबर डालने से सारी जानकारियां मिल जाएंगी। जानवर खरीदने-बेचने में आसानी होगी।

*लोकल के लिए वोकल बनने से आत्मनिर्भर होगा बिहार*

पीएम ने कहा कि बिहार का मखाना, जर्दालु आम और लीची प्रसिद्ध है। हर जिले की अलग पहचान है। हमें लोकल के लिए वोकल होना है। हम लोकल के लिए जितना वोकल होंगे उतना ही बिहार आत्मनिर्भर होगा। इसके लिए युवा और बहनें सराहनीय योगदान दे रही हैं। गांव में कोल्ड स्टोरेज और भंडारण के लिए सहायता दी जाएगी। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विशेष मदद की जा रही है। बिहार में लोग आत्मनिर्भर बिहार की तरफ आगे बढ़ेंगे।

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*इन योजनाओं का हुआ उद्घाटन और शिलान्यास...*

◆प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत 107 करोड़ की लागत की परियोजना।

◆5 करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म।

◆10 करोड़ की लागत से रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण हेतु किशनगंज के मत्स्य पालन कॉलेज और पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में जलीय रेफरल प्रयोगशालाएं।

◆मधेपुरा में 1 करोड़ की लागत से मत्स्य चारा मिल।

◆पटना के मसौढ़ी में 2 करोड़ की लागत से फिश ऑन व्हील्स।

◆2.87 करोड़ की लागत से पूसा कृषि विश्वविद्यालय में समेकित मात्स्यिकी उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र।

◆राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 84.27 करोड़ की लागत से पूर्णिया सीमेन स्टेशन।

◆8.06 करोड़ की लागत से बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में इम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी (ईटीटी) व आईवीएफ लैब।

◆2.13 करोड़ की लागत से बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, नालन्दा व गया में तैयार सेक्स सॉर्टेड सीमेन परियोजना।

◆डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर में कुल 74 करोड़ की विभिन्न योजनाएं।

◆11 करोड़ की लागत से निर्मित स्कूल ऑफ एग्रीबिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट का भवन, 27 करोड़ की लागत से बॉयज हॉस्टल, 25 करोड़ की लागत से स्टेडियम और 11 करोड़ की लागत से इंटरनेशनल गेस्ट हाउस।

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