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*20 साल, 5 जीत, 2 मंत्रालय: पंचायत से पटना तक कृष्ण कुमार ऋषि की अटूट राजनीतिक यात्रा*

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*20 साल, 5 जीत, 2 मंत्रालय: पंचायत से पटना तक कृष्ण कुमार ऋषि की अटूट राजनीतिक यात्रा*

✍️सुनील सम्राट✍️

बनमनखी(पूर्णिया):- 2005 में पंचायत राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्ण कुमार ऋषि ने दो दशकों में बिहार विधानसभा में अपनी मजबूत पहचान बनाई। बनमनखी की जनता ने लगातार पांच बार उन्हें विधानसभा भेजा, और इस दौरान वे दो बार बिहार सरकार में मंत्री बने।यह कहानी केवल चुनावी जीत की नहीं, बल्कि जनसेवा, संगठनात्मक कौशल और विकास के प्रति समर्पण की मिसाल है।

जनता का भरोसा, नेता का संकल्प:-

2019 में पर्यटन मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करते समय उन्होंने कहा था—

“मैं यहां तक अपने कार्यकर्ताओं और बनमनखी की जनता के आशीर्वाद से पहुंचा हूं। विकास के हर कार्य में पारदर्शिता, जनभागीदारी और ईमानदारी मेरी प्राथमिकता है।”

उन्होंने वादा किया कि बनमनखी को बिहार के पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान दिलाई जाएगी, और कई योजनाओं से इसे आगे बढ़ाया।

शुरुआत: एक साधारण परिवार से राजनीति तक:-

1992: अनुसूचित जाति जनजाति आवासीय विद्यालय, जानकीनगर से मैट्रिक।

1994: गोरेलाल मेहता महाविद्यालय, बनमनखी से इंटरमीडिएट।

कॉलेज के दिनों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव, छात्र राजनीति में सक्रिय।

2001: हरमुढी पंचायत क्षेत्र संख्या 25 से पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित।

 

-विधानसभा चुनावों का सफर:

📌 2005 (फरवरी): पहली बार चुनाव, RJD की मनोरमा देवी को 9,659 मतों से हराया।
📌 2005 (अक्टूबर): RJD के कांता लाल ऋषि को 8,820 मतों से हराया।
📌 2010: परिसीमन के बाद RJD के धर्म लाल ऋषि को 44,900 मतों से पराजित।
📌 2015: कठिन परिस्थितियों में महागठबंधन के संजीव पासवान को 708 मतों से हराकर चौथी जीत।
📌 2020: RJD के उपेन्द्र शर्मा को बड़े अंतर से हराकर लगातार पांचवीं बार विजयी।

मंत्री पद पर कार्यकाल और उपलब्धियां:-

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पहली बार (2017) – कला, संस्कृति एवं युवा विभाग


खेल सुविधाओं में सुधार।


सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा।


युवाओं के लिए रोजगार एवं खेल योजनाएं शुरू।


दूसरी बार (2019) – पर्यटन मंत्री


ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण की नई योजनाएं।


घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीति निर्माण।


स्थानीय हस्तशिल्प, व्यंजन और लोककला को पर्यटन से जोड़ा।

 

संगठन में योगदान:-


भाजपा में रहते हुए प्रदेश मंत्री का दायित्व निभाया।


खगड़िया, अररिया, सुपौल में संगठन प्रभारी के रूप में मजबूत नेटवर्क तैयार।


पार्टी अनुशासन और कार्यकर्ताओं के सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

 

बनमनखी के विधायकों की ऐतिहासिक सूची (1962–2025):-

क्रमांक नाम वर्ष:-

1 स्व. भोला पासवान शास्त्री (मुख्यमंत्री) 1962
2 स्व. बलदेव सर्राफ 1967
3 स्व. रसिक लाल ऋषि 1969
4 स्व. रसिक लाल ऋषि 1972
5 स्व. बालबोध पासवान 1977
6 स्व. जयकांत पासवान 1980
7 स्व. रसिक लाल ऋषि 1985
8 स्व. चुन्नी लाल राजवंशी 1990
9 स्व. चुन्नी लाल राजवंशी 1995
10 श्री देवनारायण रजक 2000
11 श्री कृष्ण कुमार ऋषि 2005 (फरवरी)
12 श्री कृष्ण कुमार ऋषि 2005 (अक्टूबर)
13 श्री कृष्ण कुमार ऋषि 2010
14 श्री कृष्ण कुमार ऋषि (मंत्री) 2015
15 श्री कृष्ण कुमार ऋषि 2020–अब तक

निष्कर्ष:

कृष्ण कुमार ऋषि की 20 वर्षों की यात्रा यह साबित करती है कि साफ छवि, जनता से जुड़ाव और विकास प्राथमिकता रखने वाले नेता लंबे समय तक जनता के दिलों में जगह बनाए रखते हैं। पंचायत समिति सदस्य से लेकर मंत्री पद तक का यह सफर राजनीति में सेवा और समर्पण का प्रतीक है।

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