भारत के पहला मॉडल पीपीटीसीटी सेंटर में नवजात बच्चों का दूसरा सैंपल किया गया कलेक्शन.
बनमनखी(पुर्णिया):-अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में भारत का पहला मॉडल पीपीटीसीटी में दूसरा सैंपल कलेक्शन सोमवार को किया गया. इस दौरान एचआईवी संक्रमित होने वाले बच्चे का पहला डीबीएस जाँच 43 वाँ दिन पर माॅडल पीपीटीसीटी के काँसेलर रमेश कुमार गोस्वामी के द्वारा बार – बार फॉलोअप करने के तत्पश्चात लैब टेक्नीशियन गणेश कुमार के द्वारा डीबीेेेएस सैंपल लिया गया. इस सैंपल को मॉडल पीपीटीसीटी बनमनखी के द्वारा एनआईसीईडी कोलकाता लैब में भेजा गया.
बताया गया कि डीबीएस जांच से यह पता चलता है कि एचआईवी संक्रमण से होने वाले बच्चे का फिर से 6 माह 12 माह 18 माह तक बच्चे का डीबीेेेएस एंटीबॉडी जांच होना सुनिश्चित किया जाता है.यदि बच्चा पॉजीटिव आता है तो उसे एआरटी से लिंक करवाकर एआरटी दवाई चालू करवाया जाता है.
इस बाबत जानकारी देते हुए मॉडल पीपीटीसीटी के काउंसलर रमेश कुमार गोस्वामी द्वारा मॉडल पीपीटीसिटी में आए हुए रोगी का सबसे पहले रोगी को परामर्श देते हुए उसे एचआईवी जांच के लिए तैयार किया जाता है.जांचोपरांत अगर रोगी पॉजीटिव पाया जाता है तो उसे एआरटी से लिंक करवाकर एआरटी दवाई चालू करवाया जाता है.उसे आश्वस्त किया जाता है कि आप जब तक दवाई खाते रहेंगे तो आप सकुशल आम आदमी की तरह आप जीवन यापन कर सकते हैं.
मॉडल पीपीटी के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधाओं सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के आरंभिक चरण में ही एचआईवी संबंधी जांच की जाती है. इसके अलावा यहां से निशुल्क कंडोम वितरण के साथ संक्रमित गर्भवती महिलाओं का देखभाल हेतु समुचित संदर्भ सेवा उपलब्ध किया जाता है. साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं एवं उनके नवजात शिशुओं को एआरवी की दवा और एचआईवी की जांच के साथ फाँलोअप जाती है.इस मौके पर यक्ष्मा विभाग के लैब टेक्नीशियन सतीश प्रसाद सिंह एवं रेखा कुमारी( ANM) उपस्थित थे.