*देशभर में 333वाँ स्थान पाने वाले सत्यमेव अमन पर बनमनखी को गर्व, बनेगा देश का युवा साइंटिस्ट.*
“अगर मन में जुनून हो और दिशा सही मिले तो बिना किसी कोचिंग के भी सफलता पाई जा सकती है।”
बनमनखी(पूर्णियां): बनमनखी नगर परिषद क्षेत्र के राजपूत टोली निवासी सत्यमेव अमन ने अपने असाधारण प्रतिभा और कठिन परिश्रम के बल पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) की राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में देशभर में 333वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ बनमनखी, बल्कि पूरे पूर्णिया जिले का नाम रोशन किया है।
बिना कोचिंग के दम पर हासिल की गई यह उपलब्धि सत्यमेव की मेधा, लगन और अटूट धैर्य का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उनकी इस सफलता से परिजन, शिक्षकों और स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है।
पहले ही प्रयास में कई बड़ी परीक्षाओं में सफलता:सत्यमेव अमन ने लगातार प्रयास और आत्मविश्वास के बल पर JEE, NEST, IISER सहित कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परीक्षाएँ पहले प्रयास में सफलतापूर्वक पास की हैं।उन्होंने बताया कि पढ़ाई को कभी बोझ न मानकर विषय के साथ इंटरैक्शन बनाकर चलना ही उनकी सफलता का मूलमंत्र रहा।
परिवार ने दिया हिम्मत, गुरुजनों ने बढ़ाया मनोबल: सत्यमेव अमन अपने हर कदम की सफलता का श्रेय दादा- अनिल कुमार सिंह, माता-कंचन कुमारी(गृहणी), पिता-सत्यम भारती (PNB चीफ मैनेजर),चाचा-शिवम भारती (शिक्षक) तथा अपने गुरुजनों को देते हैं। माता–पिता साधारण परिवार से हैं, परंतु सत्यमेव की पढ़ाई के प्रति समर्पण और जज्बे ने उन्हें ऊँचाईयों तक पहुँचाया।
सत्यमेव का लक्ष्य—देश का वैज्ञानिक बनना: IISER पुणे में चयनित होने के बाद सत्यमेव अब उच्चस्तरीय रिसर्च की राह पर अग्रसर हैं। वे आगे चलकर देश के शीर्ष वैज्ञानिकों की श्रेणी में शामिल होकर भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन करना चाहते हैं।
सत्यमेव का संदेश:-
“अगर मन में जुनून हो और दिशा सही मिले तो बिना किसी कोचिंग के भी सफलता पाई जा सकती है।”




