बनमनखी(पूर्णिया):-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जानकीनगर विस्तार केन्द्र द्वारा चोपड़ा बाजार स्थित एनपीसी परिसर में स्वामी विवेकानंद जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में में मनाई गई.स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित की गई.मौके पर नगर अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम कुमार जायसवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था.साथ ही उनके जन्मदिन पर राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.स्वामी विवेकानंद श्रीरामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे.
विवेकानंद बहुत कम उम्र में ही संन्यासी बन गए थे. पश्चिमी देशों को योग-वेदांत की शिक्षा से अवगत कराने का श्रेय स्वामी जी को ही जाता है. स्वामी विवेकानंद ने 19वीं शताब्दी के अंत में विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक मजबूत पहचान दिलाई थी.स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था,जिन्हें नरेन के नाम से भी जाना जाता है. बहुत कम उम्र में ही उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ हो गया था.
पूर्व नगर अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्य नारायण चौधरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे और उनका देशप्रेम किसी से छिपा नहीं है. वह लोगों की मदद करने से कभी भी पीछे नहीं हटते थे, बल्कि लोगों की सेवा करने को वह ईश्वर की पूजा करने के बराबर मानते थे. स्वामी विवेकानंद आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देते हैं. उनके अनमोल विचारों से इंसान काफी कुछ सीख सकता है. इनके विचारों में जीवन जीने की कला और कामयाब होने के सूत्र छिपे हैं.
इस मौके पर पूर्णिया-अररिया विभाग संयोजक अभिषेक आनंद, धीरज कुमार, अंकित कुमार, आदित्य कुमार, अभिषेक कुमार, रमण कुमार सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.