कसबा,पूर्णिया।(सुनील कुमार सम्राट):-कसबा विधानसभा सीट पर चुनावी हलचल इस बार जनता की नब्ज़ से ज़्यादा नेताओं की धड़कन बढ़ा रही है।वर्तमान विधायक मो. आफाक आलम कांग्रेस के मजबूत सिपाही रहे हैं, पर उनकी तबीयत नाज़ुक होते ही कई नेता ऐसे लाइन में लग गए हैं जैसे रेलवे में जनरल टिकट का काउंटर खुला हो।
सम्पूर्ण भारत की चौपाल का नज़ारा:-जब सम्पूर्ण भारत की टीम गाँव-गाँव पहुँची तो जनता के बयान सुनकर हंसी भी आई और तंज़ भी। किसी ने कहा – “इस बार का मुकाबला दिलचस्प होगा।” तो दूसरे ने चुटकी ली – “दिलचस्प तो होगा ही, क्योंकि जनता मुद्दे खोजेगी और नेता टिकट।”
टिकट का तिलिस्म:-कांग्रेस में चर्चा है कि अगर आलम साहब मैदान में न रहें तो नया चेहरा आएगा। एनडीए में तो टिकट चाहने वालों की भीड़ देखकर लगता है जैसे सुपर-30 की कोचिंग सेंटर खुली हो। इधर राजद भी कसबा को अपनी “पुरानी खोई हुई डायरी” की तरह खोजने में लगी है। और जनसुराज? जनता की राय साफ़ – “जमीन पर कोई काम नहीं, सिर्फ़ हवा में पोस्टर।”
जनता का व्यंग्य:- गाँव के लोग कहते हैं –“हमें चाहिए सड़क, अस्पताल और रोजगार… लेकिन नेताजी को चाहिए सिर्फ़ टिकट। अगर जनता की सेवा के लिए इतनी मेहनत करते जितनी टिकट के लिए दौड़ते हैं, तो कसबा आज मॉडल विधानसभा कहलाता।”
यहां के नेताजी कहींन: –“चुनाव बाद की सरकार जनता के लिए”
और जनताजी कहींन:–“चुनाव पहले की भागदौड़ सिर्फ़ टिकट के लिए।”