*बनमनखी से जन सुराज प्रत्याशी मनोज कुमार ऋषि ने भरा पर्चा, कहा — “मैं नेता नहीं, जनता का बेटा हूँ”*
यह नामांकन मनोज कुमार नहीं, बल्कि बनमनखी की सम्मानित जनता ने भरा है। मैं नेता नहीं, जनता का बेटा और भाई हूँ। जन सुराज का संकल्प है — बिहार को बदलने का। आप सबके सहयोग से बनमनखी में जनता का राज स्थापित होगा।:-मनोज
बनमनखी से जन सुराज प्रत्याशी मनोज ऋषि ने भरा पर्चा, कहा — “मैं नेता नहीं, जनता का बेटा हूँ”
बनमनखी (पूर्णिया)। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बनमनखी-59 (SC) सीट पर चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। शुक्रवार को जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी मनोज ऋषिदेव ने भारी समर्थक जुलूस के साथ अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। उन्होंने दो सेट में नामांकन पर्चा दाखिल किया, जिसे लीगल अधिवक्ता सुनील सम्राट ने विधिवत रूप से समर्पित कराया।
नामांकन से पहले मनोज ऋषि ने क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर जनता के कल्याण और क्षेत्र की उन्नति की कामना की। पूजा के उपरांत वे समर्थकों के साथ गाजे-बाजे, बैंड-बाजे और नारों के बीच नामांकन स्थल की ओर रवाना हुए। समर्थकों का उत्साह देखते ही बन रहा था — जगह-जगह पुष्पवर्षा और नारेबाजी से वातावरण जन सुराज के रंग में रंग गया।
नामांकन दाखिल करने के बाद मनोज ऋषि ने भव्य रोड शो निकाला, जो मुख्य बाजार होते हुए मार्केटिंग यार्ड मैदान पहुँचा, जहाँ उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा —
“यह नामांकन मनोज कुमार नहीं, बल्कि बनमनखी की सम्मानित जनता ने भरा है। मैं नेता नहीं, जनता का बेटा और भाई हूँ। जन सुराज का संकल्प है — बिहार को बदलने का। आप सबके सहयोग से बनमनखी में जनता का राज स्थापित होगा।”
उन्होंने कहा कि बनमनखी की जनता ने जिस विश्वास और प्रेम के साथ उन्हें अपनाया है, वे उस भरोसे को कभी टूटने नहीं देंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि इस चुनाव को बदलाव की लड़ाई के रूप में लें — एक ऐसे बिहार के लिए, जहाँ हर व्यक्ति को न्याय और सम्मान मिले।
जनसभा में जन सुराज के कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिला समर्थक और युवाओं की उपस्थिति रही। मंच से “जनता का बेटा मनोज” के नारे गूंजते रहे। पूरा मैदान “जन सुराज जिंदाबाद” के उद्घोष से गूंज उठा। मौके पर अनुमंडल अध्यक्ष प्रकाश सिंह,राम कृष्ण मानस,अमरनाथ झा,मुन्ना सिंह,अजित कुमार भारती,बीरेंद्र रजक सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।







