- नींद गया चैन गया
गया आंख का सपना है - जिसके लिए दिन रात खोए
वह दिखाई अब आइना है।। - उसे कोई मिल गई
ठोकरों में मेरा दुनिया है
सपना-सपना के चक्कर में
दुनिया लगता ना किसी का अपना है।। - हर कोई बेहतर का तलाश करता
बेहतर का बस रोना है
पुराने दिन के बेहतरीन क्षण को
याद ना किसी को रखना है।। - हंसु या रोंऊ समझ ना आता है
हंसने वाला अपना है
हर बात पर नाम पुकार कर उसकी
होता कुरंदन मेरा आत्मा है।। - चिढ़ाने वाला भालू समझ बैठा है
हर बात पर नाम उसका रखना है
यार अब और कितना तड़पाओगे
यह दिल का घर मेरा लगता अब सुना-सुना है - घोर कलयुग में विश्वास करूं किस पर
विश्वास के काबिल किसको माना है
सब है अपने उल्लू सीधा करने में
यहां कौन अपना है।। - संदीप कुमार अररिया बिहार