अर्णव गोस्वामी की रिहाई और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
पूर्णिया के सामाजिक ऊर्जावान संस्थान ने आर भारत न्यूज चैनल के संपादक अर्णव गोस्वामी पर महाराष्ट्र पुलिस द्वारा की गई शर्मनाक कार्रवाई की आलोचना की। पत्रकार की गिरफ्तारी के साथ उनके साथ सरकारी कर्मियों ने जिस तरह मारपीट किया उसकी कड़े शब्दों में आलोचना की। ऊर्जावान संस्था के अध्यक्ष रोहित यादव उपाध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक संरक्षक कामेश्वर प्रसाद यादव ने संयुक्त रुप से केंद्र सरकार से यह मांग की है कि वह जल्द से जल्द महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करें. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है की महाराष्ट्र में तानाशाही अपनी चरम पराकाष्ठा पर है। आपातकाल जैसी स्थिति वहां बनती जा रही है। कोरोना काल के समय कंगना के साथ किस प्रकार दुर्व्यवहार किया गया। कार्यालय को बुलडोजर लगाकर नष्ट किया गया यह किसी से छिपा नहीं है। धन्य है कंगना अभिनेत्री जिसने हिम्मत नहीं हारी और उस ध्वस्त हुए मकान के मलबे पर खड़ी होकर स्पष्ट रूप से कही कि आज मेरा घर टूटा है कल उसका घमंड टूटेगा। इसके बावजूद भी उद्धव सरकार होश में नहीं आई और उसके शिवसैनिकों ने एक अवकाश प्राप्त नौसेना के अधिकारी को बीच सड़क पर मारपीट किया यह सारा घटना देश की जनता भूल ही नहीं है एक ना एक दिन सच की जीत होगी और सच्चे का बोलबाला झूठे का मुंह काला वाली कहावत चरितार्थ होगी. उन्होंने कहा कि ना कोई रहा है ना कोई रहेगा न मुसोलिनी रहा ना सिकंदर रहा एक न एक दिन यह माटी जिस तरह से हिटलर मुसोलिनी और सिकंदर की कहानी कह रहा है वैसे ही उद्धव ठाकरे के पुलिस वालों द्वारा की गई कार्रवाई काफी निंदनीय है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अर्णब गोस्वामी की अविलंब रिहा करने की मांग की है।