बनमनखी (पूर्णिया):-बनमनखी प्रखंड के भक्त प्रह्लाद मंदिर प्रांगण में रविवार को बिहार राज्य कर्मचारी यूनियन से जुड़े आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संयुक्त संघर्ष समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता महासचिव रामेश यादव ने की। इस मौके पर बड़ी संख्या में सेविकाएं, सहायिकाएं और समिति पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में सेविकाओं ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। सेविकाओं ने कहा कि बिहार सरकार ने सभी विभागों का मानदेय बढ़ाया, लेकिन आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को नजरअंदाज किया गया। कम मजदूरी पर अधिक कार्य कराए जा रहे हैं और इसके साथ ही ICDS विभाग के अलावा अन्य विभागीय कार्य भी जबरन थोप दिए जाते हैं।
सेविकाओं ने पोषाहार योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि बनमनखी परियोजना में आए लगभग 1825 क्विंटल चावल का सही वितरण नहीं हुआ। उन्हें नाम मात्र का चावल मिला जबकि शेष चावल का गबन महिला पर्यवेक्षिका, विजय कुमार और डाटा ऑपरेटर संतोष कुमार द्वारा किया गया। गोदाम में रखे चावल का भाड़ा भी सेविकाओं को नहीं दिया जाता, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि पूर्व प्रखंड सचिव का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसलिए नए सचिव का चुनाव कराया जाना आवश्यक है।
सेविकाओं की नाराजगी और बढ़ती उपेक्षा को देखते हुए बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने समस्याओं का समाधान नहीं किया तो 8 सितम्बर 2025 को पटना में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं राज्यव्यापी हड़ताल करेंगी।
बैठक में महासचिव रामेश यादव, अध्यक्ष मीना देवी, संयोजक रेशमा कुमारी, अखिलेश यादव समेत बड़ी संख्या में सेविकाएं मौजूद रहीं। प्रमुख नामों में प्रियंका भारती, सीमा कुमारी, विशाखा देवी, शहनाज बेगम, सुनिता कुमारी, बिंदु कुमारी, चन्द्रकला देवी, रीता कुमारी, नूतन कुमारी, सलिहा खातून आदि शामिल थीं।
इस बैठक से यह साफ जाहिर है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं का असंतोष अब चरम पर पहुंच चुका है और उनकी प्रस्तावित 8 सितम्बर की हड़ताल राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।