गजब की इमोशन गजब की ताल दी
शब्दों की माला जो चढ़ी तो तबीयत उछाल दी
वह भोली भाली खूबसूरत लड़की
सबों के बीच में खुद को सलीके से संभाल ली।।दी गजब की जवाब
पलक झपकते ही पतवार ली
एक सिक्के की दो पहलू पर
उसने खुद को सत प्रतिशत उतार दी
गजब की इमोशन,,,,जब पूछा कि यह तेरी नंबर है
तो उसने हंसते हुए हाथ मार दी
लगा एक लहर सी दौड़ पड़ी
जो तत्काल दिल कि दर्द को तार तार दी
गजब की इमोशन,,,,वह निहारती रही अहिल्या की मूर्ति सी
और मैंने खुद को अपनी दिशा में रफ्तार दी
एक अजीब सी दर्द आज तक छूकर जा रहा है
कि उसने मुझे स्वीकार ली या फिर धिधकार दी
गजब की इमोशन,,,,संदीप कुमार अररिया बिहार