नौ करोड़ से पूर्णिया में सात पर्यटक स्थलों का होगा विकास.

नौ करोड़ से पूर्णिया में सात पर्यटक स्थलों का होगा विकास.

पैदल पथ,लाइटिंग और बनेगा पर्यटकों के लिए आश्रय गृह.

PATNA:-राज्यभर में लाकडाउन के बाद पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए भी बढाने का निर्णय लिया गया है. पर्यटकों के लिए कुछ नये नियमों को भी बनाया गया है, जिसके तहत पर्यटकों को अधिक सुरक्षा व सुविधा मिलेगी.इसी कडी में पूर्णिया जिला अंतर्गत सात स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढायी जा रही है और इसके लिए नौ करोड़ 12 लाख से अधिक रुपए की राशि स्वीकृत की गयी है. योजना के तहत काम इसी माह में शुरू हो जायेगा.

12 महीने में पूरा होगा योजना

इस योजना को 12 महीने में पूरा कर लिया जायेगा. इस योजना की कार्यकारी एजेंसी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम होगा. कार्यकारी एजेंसी योजना का कार्यान्वयन समय और गुणवत्तापूर्ण कार्य करना सुनिश्चित करेंगे और इसकी गुणवत्ता की निगरानी भी करेंगे. वहीं, योजना पूर्ण होने से पूर्व बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा इसका रखरखाव एवं संचालन किया जायेगा.

पर्यटन स्थलों पर यह होगा काम

– पर्यटन स्थलों की घेराबंदी होगी

– लाइटिंग की व्यवस्था

– रात्रि विश्राम के लिए व्यवस्था

– पैदल पथ

– शौचालय व स्नानघर

– खाने पीने की व्यवस्था

– सुरक्षा कर्मी

– आने जाने के लिये बस और आटो सहित अन्य गाड़िया

“योजना के तहत इन सातों पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए राशि स्वीकृत की गयी है. पर्यटकों के लिए आश्रय गृह सहित अन्य सभी सुविधाएं होगी.”

-कृष्ण कुमार ऋषि,मंत्री,पर्यटन विभाग,बिहार सरकार.

वित्तीय राशि का उपयोग प्रमाण पत्र एवं योजना का वीडियो ग्राफी फोटोग्राफी के साथ अनिवार्य प्रत्येक माह भौतिक सत्यापन किया जाएगा योजना के कार्यान्वयन में बिहार लोक निर्माण संगीता का बिहार लोक वित्त विभाग द्वारा पूर्ण किया जाएगा योजना की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए एक 308 2002 संपन्न स्कीम स्क्रीनिंग समिति योजना एवं विकास विभाग की बैठक द्वारा किया गया.

इन स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में किया जायेगा विकिसत.

-धीमेश्वर स्थान,प्रखंड-बनमनखी,पूर्णिया,
राशि-1,30,10,000/-

-वरुनेश्वर स्थान,प्रखंड-बी कोठी,पूर्णियां. राशि-83,05,000/-

-गाँधी सर्किट,टिकापट्टी,प्रखंड-रुपोली,पूर्णियां. राशि-89,63,000/-

-माँ काली मंदिर,पूर्णियां
राशि- 99,47,800/-

-पूरण देवी मंदिर,पूर्णियां.
राशि- 1,20,31,000/-

-कामख्या स्थान मंदिर,प्रखंड-के नगर,पूर्णियां. राशि-2,14,01,700/-

-प्रह्लाद स्तम्भ,प्रखंड-बनमनखी,पूर्णियां. राशि-1,75,51,800/-

पर्यटन विभाग के केटेगरी (C) में जिला के 17 स्थल को किया गया है सूचीबद्ध:-

पुर्णिया जिला के सभी धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने ले लिए पर्यटन विभाग ने कटेगरी (सी) के तहत 17 स्थलों को चिन्हित कर डीपीआर तैयार करने का निर्देश जारी किया है.जिसके तहत पूरण देवी मंदिर,रानिसती मंदिर,कझा कोठी,माँ काली मंदिर,प्रह्लाद स्थम्भ,हिरण्यकश्यप घर,कामख्या स्थान,धेमेश्वर महादेव स्थान,माता स्थान, वरुनेश्वर स्थान एवं जलालगढ़ किला के अलावा चिन्हित पर्यटन स्थलों को रोड मेप के तहत जिला के कला भवन,कैथोलिक चर्च,शहीद स्मारक टाउन होल,पाल्मर्स हॉउस पूर्णियां कोलेज,फोब्स हॉउस राजकीय उच्च विधालय पूर्णियां एवं गाँधी सर्किट टिकापट्टी व रानीपतरा को सामिल किया गया है.

बनमनखी के भक्त प्रह्लाद मंदिर का क्या है इतिहास:-

पुर्णिया जिला के अनुमंडल में कई गौरवशाली,पौराणिक धार्मिक एवं एतिहासिक स्थल है जो सेकरों-हजारों वर्ष से आध्यात्मिक चेतना ,जन चेतना तथा सामाजिक परिवेश में मानवीय चेतना का संचार करती रही है. यह स्थल राष्ट्रिय ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाये हुए हैं. जिसमे से सिकलीगढ़ धरहरा का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. मान्यताओं के अनुसार बनमनखी अनुमंडल के ह्रदयस्थल में चिरकाल से मौजूद ह्रदय नगर गांव स्थित अति प्राचीन सिकलीगढ़ के भग्नावशेष हिरण्यकश्यपू के हैं. जहाँ भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु नरसिंह रूप में प्रकट हुए थे. इस गढ़ का भग्नावशेष धीरे-धीरे जमीदोज हो गया है जो अब टीले के रूप में दिखता है. इस गढ़ में एक स्तम्भ है जो धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है. कहा जाता है कि यह वही स्तंभ है जिससे भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेकर प्रकट हुए एवं अपने परम भक्त प्रहलाद की रक्षा किये तथा प्रह्लाद के प्रतापी पिता हिरण्यकश्यपू का वध किये थे. वर्षों पूर्व यहाँ से एक हिरण्य नदी बहती थी जो अब बिलुप्त हो गया है. इस लिहाज से भी दशकों से स्थानीय लोग,बुद्धिजीवी वर्ग इन स्थलों को पर्यटन स्थल की दर्जा दिलाने मांग कर रहे थे.

वर्ष 2007 से इसके उत्थान के लिए सजग हुए लोग:

जानकारी के अनुसार पूर्णिया -सहरसा रास्ट्रीय राज्य मार्ग- 107 से सटे बनमनखी नगर पंचायत के उत्तर में अवस्थित भगवन नरसिंह स्थान की ख्याति दूर-दूर तक फेली हुई है. यहाँ वर्ष 2007 से तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी केशव कुमार सिंह के खास पहल पर भगवान नरसिंह अवतार स्थल विकास ट्रस्ट के सोजन्य से भव्य होलिका दहन कार्यक्रम की सुरुआत किया गया.जिसे देखने के लिए लाखों- लाख श्रद्धालु आने लगे.कार्यक्रम की महत्ता और इसकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 2018 में स्थानीय विधायक सह तत्कालीन कला संस्कृति एवं युवा मंत्री वर्तमान में पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि के पहल पर राज्य सरकार ने होलिका दहन कार्यक्रम को राज्यकीय होलिका महोत्सव का दर्जा दिया गया.वर्ष 2018 से सरकारी खर्च पर भव्य होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई जो अनवरत जारी है.