*श्रावन की पहली सोमवारी को धीमेश्वर धाम मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब,50 हजार से अधिक शिवभक्तों ने किया जलाभिषेक.*
पूर्णियां(बिहार):-श्रावन मास की पहली सोमवारी को कोसी सिमांचल के प्रशिद्ध धीमेश्वर धाम मंदिर में अहले सुबह से देर शाम तक हर-हर महादेव…, ओम नम: शिवाय.., बोल-बम का जयघोष से पूरा इलाका गुंजायमान होता रहा.करीब 50 हजार से अधिक शिव भक्त श्रद्धालुओं ने धिमेश्वर धाम मंदिरों में विराजमान देवाधिदेव महादेव का विधि-विधान के साथ बेल पत्र, धतूर, मदार चढ़ाकर जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित की.श्रावण मास की पहली सोमवारी को लेकर धिमेश्वर धाम मंदिरों में अत्यधिक भीड़ को लेकर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था रही.महिला एवं पुरुष शिव भक्तों के लिए अलग-अलग बेरिकेटिंग की व्यवस्था की गयी थी. जिसमे कतारबद्ध होकर काँवरिया भोले नाथ का जलाभिषेक करते रहे. अनुमंडल पदाधिकारी मो अहमद अली अंसारी,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुलास कुमार,मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी रविंद्र कुमार तांती,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी चंद्रराज प्रकाश,सीओ अर्जुन कुमार विश्वास,बीडीओ सरोज कुमार,बनमनखी के थाना अध्यक्ष सुनील कुमार मंडल खुद मेला परिसर में घूम घूम कर व्यवस्था का जायजा लेते रहे एवं मेला परिसर में तैनात पुलिस बल को दिशा निर्देश देते रहे.
*पचास हजार से अधिक शिव भक्तों ने धीमेश्वर धाम मंदिर में किया जलाभिषे:-
धीमेश्वर धाम मंदिर के अध्यक्ष कमलेश्वरी प्रसाद सिंह के अनुसार सावन की पहली सोमवारी को देर शाम तक पचास हजार से अधिक शिव भक्तों ने बाबा उग्रेशनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. उन्होंने बताया की यूँ तो सावन मास में हर दिन शिव भक्तों रेला रहता है लेकिन सोमवार को यहाँ शिव भक्तों का तांता लगा रहता है.उन्होंने बताया कि बिहार सरकार की ओर से आयोजित राजकीय श्रावणी मोहत्सव मेला का रंग शिव भक्तों पर इस कदर चढ़ाते जा रहा है कि यहाँ आने वाले शिव भक्तों ने कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है. उन्होंने कहा की पहली वार श्रावण मास की पहली सोमवारी को जहाँ पचास हजार से अधिक लोगों ने बाबा उग्रेशनाथ का जलाभिषेक किया. वहीं इस बार कावारिया बम की संख्या भी अच्छी खासी देखी गयी.
*बनमनखी के धिमेश्वर धाम मंदिर में सरकारी स्तर से चौथी बार आयोजित हुआ राजकीय श्रावणी महोत्सव मेला*
बनमनखी:-धिमेश्वर धाम मंदिर में चौथी वार बिहार सरकार की ओर से आयोजित श्रावणी मोहोत्सव मेला में पहली सोमवारी को बाबा उग्रेशनाथ के दर्शन-पूजन-जलाभिषेक के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा. बाबा धीमेश्वर धाम मंदिर में विराजमान महादेव का भव्य श्रृंगार किया गया. औघड़दानी के अलौकिक रुप का एक झलक पाने के लिए शिव भक्त सुबह से लेकर शाम तक उत्साहित रहे. मंदिर में हाजिरी लगाने वाले भक्त मत्था टेक कर सुख-समृद्धि की कामना की.
*कमरियां का थकान मिटा रहे थे भक्ति जागरण का भजन :-
धीमेश्वर धाम आने वाले कमरियां के लिए इस बार विशेष तौर पर सरकार द्वारा आयोजित भक्ति जागरण कार्यक्रम का कवारिया ने जम कर लुफ्त उठाया.थके, सहमे कमरियां भक्ति भजनों को सुनकर मंत्रमुग्ध नजर आये. इस दौरान कमरियां भी शिव भजनों पर झूमते-नाचते नजर आये.
*प्रशाशनिक व्यवस्था रहा चाक चौबंध,एसडीएम व एसडीपीओ खुद रहे मुस्तेद:-*
श्रावणी मेला की विधि व्यवस्था को लेकर इस बार अनुमंडल प्रशासन जिस तरह रोड मैप तैयार किया उसका फायदा शिव भक्त सहित आम लोगों को मिलता रहा.पहली सोमवारी को अत्यधिक भीड़ रहने के बादजूद भी जाम जैसी स्थिति उत्पन्न नही हुई.इसके लिए अनुमंडल पदाधिकारी मो अहमद अली अंसारी व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुलास कुमार अहले सुबह चार बजे से संध्या पांच बजे तक मंदिर परिसर में मौजूद रहकर विधि व्यवस्था संधारण में जुटे रहे इधर मंदिर के मुख्य द्वार सहित जगह जगह दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारी अपने कर्तव्य का पालन करते देखे गए.गौरतलब है कि बरसों से महाशिवरात्रि एवं श्रावण मास में श्रद्धालु धिमेश्वर धाम मंदिर में जल अर्पण करने का काम किया करते थे ,लेकिन वर्ष 2018 से तत्कालीन पर्यटन मंत्री सह वर्तमान विधायक कृष्ण कुमार ऋषि के द्वारा इस स्थल को सरकारी स्तर पर मेला लगाने का निर्णय लिया गया ,राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन पूर्णिया के संयुक्त तत्वावधान में इस बार भी सुंदर और स्वस्थ व्यवस्था खड़ा किया गया है ,जानकारी हो कि 4 जुलाई 2023 को स्थानीय विधायक कृष्ण कुमार ऋषि के द्वारा श्रावणी महोत्सव 2023 का उद्घाटन किया गया था.इधर स्थानीय युवक और स्वयंसेवी मेला परिसर में श्रद्धालुओं को सेवा एवं व्यवस्था में लगातार लगे रहे, चारों तरफ भोला बाबा की जय.. मैया पार्वती की जय… के जयकारे से पूरा परिसर दिनभर गूंजता रहा. मेला परिसर में ही स्वास्थ्य शिविर,कंट्रोल रूम,महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम,ठंडे पानी की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया था ताकि किसी श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो.