रामपुर तिलक में भव्य शिव चर्चा व महाप्रसाद का किया गया आयोजन

जानकीनगर (पूर्णियां):-जानकीनगर थाना क्षेत्र के रामपुर तिलक पंचायत के वार्ड नंबर 13 के राधे मरर टोला स्थिति अर्धनिर्मित श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में ग्रामीण लखन यादव, लालमोहन आनंद, रामलाल राय, शोभितलाल यादव,चंदन कुमार यादव, राजकुमार यादव, सुमन यादव, हरिनंदन कुमार यादव, विकेश कुमार यादव, रुपेश कुमार यादव, के रंजीत कुमार यादव, राजू कुमार यादव,

मोहन यादव, संतोष यादव, विकास यादव, शिव शंकर यादव, प्रमोद सिंह, रामकुमार यादव, हरि ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों के सहयोग से एक दिवसीय भव्य शिव चर्चा का आयोजन के साथ-साथ महाप्रसाद का आयोजन किया गया। शिव गुरु परिचर्चा में थाना क्षेत्र के लादुगढ,तेतराही, रामपुर तिलक,बेलतरी, जानकीनगर सहित आसपास के कई गांव के गुरु भाई व गुरु बहन ने भाग लिया। शिव भक्त गुरु भाई अनिल सिंह भाई के नेतृत्व में आयोजित शिव चर्चा में गुरु भाई भंडारी, राजेश,

मिथलेश , सुशील गुरु भाई सहित पूर्णिया के रुपौली प्रखंड से आई गुरु बहना गायिका रीना भारती ने जगत गुरु शिव की महिमा का बखान किया। शिव भक्तों को गुरु बहन रीना भारती, मधुमाला दीदी, रेनू दीदी ने बताया कि जगतगुरु शिव की शिष्यता ही अब एक मात्र विकल्प है शिव जन-जन के गुरु हैं इनको अपनाकर जीवन को सफल बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में मानवीय गुण प्राय: लुप्त हो गया है। मानवीय गुण के अभाव में सत्मार्ग का राह गुरु से ही संभव है।

 

बिना गुरु, प्राणी, खासकर मानव अपनी पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकता। गुरु मात्र परमात्मा शिव है। इन्हें आदि गुरु व जगतगुरु भी कहा गया गुरु व जगतगुरु भी कहां गया है। गुरु शिवदाता गुरु और जितने भी तथा कथित शरीर धारी गुरु हैं। वे प्रदाता गुरु के श्रेणी में आते हैं। जब दातागुरु संभव है तो क्यों नहीं हम उनके शिष्य के रूप में जुड़ कर मानवीय गुण प्राप्त कर शिव के जैसा कार्य करें।

 

वही शिव गुरु भाई अनिल सिंह ने उपस्थित भक्तों को बताया कि इससे भाव का जगना ही शिष्य होना है और उन शिष्य का संबंध गुरु से होना ही जीवन का आधार है। उन्होंने पहला सूत्र दया मांगना बताते हुए कहा कि शिव आप मेरे गुरु हैं, मैं आपका शिष्य हूं मुझ शिष्य पर दया कर दीजिए। दूसरा सूत्र चर्चा करना बताया इसके माध्यम से उन्होंने चर्चा करने का रूपांतरण करते हुए बताया कि शिव मेरे गुरु हैं

 

आपके भी हो सकते हैं इन्हें अपना गुरु बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करें। तीसरा सूत्र नमन करना बताते हुए कहा कि नमः शिवाय पंचाक्षर मंत्र से अपने गुरु शिव को मन ही मन एक दिवा रात्रि में कम से कम 108 बार प्रणाम करने की रहस्य को बताया था कि इनके करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। वही मधुमाला देवी, तेतरी देवी, तरुणा देवी, नीलम देवी सहित आदि दीदी ने संयुक्त रूप से चर्चा के दौरान

 

शिव द्वारा सुझाए गए धर्म अध्यात्म के मार्ग पर लोगों को चलने की लोगों को प्रेरणा दी। चर्चा के दौरान गुरु बहन द्वारा शिव चर्चा के क्रम में कई शिव भजनों की प्रस्तुत कर लोगों को शिव गुरु के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित किया। गुरु बहन ने चर्चा में भाग ले रहे लोगों से कहा कि शिव जगत के गुरु हैं, अर्थात संसार के जितने भी प्राणी हैं सभी उनके शिष्य है। हम सदियों से उनकी भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।

 

यदि हम उन्हें गुरु भाव से याचक बनकर दया मांगे, क्षमा मांगे तो हमारा कल्याण होगा। मौके पर लखन यादव, लालमोहन आनंद, रामलाल राय, शोभितलाल यादव,चंदन कुमार यादव, राजकुमार यादव, सुमन यादव, हरिनंदन कुमार यादव, विकेश कुमार यादव, रुपेश कुमार यादव, रंजीत कुमार यादव, राजू कुमार यादव, मोहन यादव सहित हजारों की संख्या में लोग शिव चर्चा स्थल पर मौजूद थे।