*यूपी के तर्ज पर बनमनखी में चला बुलडोजर,तीन दुकान को किया क्षतिग्रस्त.*

*प्रशासन के ऐक्शन प्लान को देखकर अतिक्रमणकारियों के बीच दहसत का माहौल.*

PURNEA:-बुधवार को अनुमंडल प्रशासन के निर्देश पर अंचल पदाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास सदल बल के साथ अनुमंडल कार्यालय परिसर पहुच कर अवैध रूप से चला रहे तीन दुकानदार को तोड़बकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया.इस दौरान प्रशासन को थोड़ा बिरोध का सामान भी करना पड़ा लेकिन पूरी तैयारी के साथ आये प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों की एक नही सुनी और दुकान के अंदर रखे सभी सामान को बाहर फेंक दिया गया.प्रशासन के जाने के बाद अतिक्रमणकारियों ने फिर अपना सामान दुकान के अंदर रख दिया.जिसकी भनक लगते हीं अंचल पदाधिकारी के नेतृत्व में बुलडोजर लेकर अनुमंडल कार्यालय परिसर पहुचे प्रशाशनिक अमलावों के द्वारा सभी दुकान को बुलडोजर से क्षतिग्रस्त कर दुकान पूरी तरह खाली करा दिया गया.

*हाथ जोड़ गिड़गिड़ाते रहे दुकानदार,ऐक्शन मूड में आये प्रशासन ने ढाह दिया आशियाना:-*

अनुमंडल कर्यालय परिसर स्थित अधिवक्ता संघ से सटे चाय दुकानदार मुन्ना कुमार के चाय दुकान पर जैसे हीं प्रशासन अतिक्रमण हटाने पहुचे दुकानदार मुन्ना कुमार ,उसकी पत्नी सहित तीन- चार छोटे छोटे बच्चों ने अंचल पदाधिकारी का पेड़ पकड़ कर लिपट गए और आठ दिन का मोहलत मौहलत मांगने लगे.लेकिन एक्शन मूड में अतिक्रमण मुक्त कराने आये प्रशासन ने एक न सुनी और पूरी शक्ति के साथ दूकान में रखे सभी सामान को बाहर फेख दिया गया.दुकानदार मुन्ना कुमार व उसके परिजनों का कहना था कि वे भूमिहीन गरीब व्यक्ति है.रहने के लिए कहीं कोई घर भी नही है.ऐसे में उनके पूर्वज भी अनुमंडल परिसर में रहकर चाय दूकान चलाते हुए गुजर गए. उनके निधन के पश्चात हम लोग चाय दूकान चलाकर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि आठ दिन का मोहलत मिलता तो कहीं न कहीं अपना झोपड़ी लगा लेते.लेकिन प्रशासन ने दुकान तोड़ा कर न केवल मुझे बेघर कर दिया बल्कि मेरे पेट पर लात मारी है.अब हम छोटे छोटे बच्चों को लेकर कहाँ जाएं.अब उनका भरण कैसे होगा.इतना कहकर वे फफक फफक कर रोने लगे.इधर प्रशासन की टीम ने दुकान सहित झोपड़ी को बुलडोजर चलाकर पूरी तरह नस्ट नाबूद कर दिया गया.

*जिसने दिया सहारा वही कर दिया बेसहारा,नही मिला इंसाफ तो अनुमंडल परिसर में कर लेंगे आत्महत्या:-*

दुकानदार मुन्ना ने कहा कि हम ओर हमारा परिवार अपने मन से अनुमंडल परिसर में चाय की दुकान नही चलाते थे बल्कि अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने सहारा देकर दुकान लगवाया था.तब से अधिवक्ता सहित अनुमंडल प्रशासन का सेवा करता रहा हूं. उन्होंने कहा कि मेरे काम से खुश होकर तत्कालीन अनुमंडल प्रशासन ने मेरे अलावा अन्य सात लोगों के साथ एग्रीमेंट कर दुकान संचालक की लिखित सहमति दिया गया था.जिसके आधार पर प्रत्येक माह नाजिर राशिद काटकर सरकार को राजस्व देते रहे.हाल के चार पांच साल से अनुमंडल प्रशासन के द्वारा नाजिर राशिद काटना बंद कर दिया गया.उन्होंने कहा कि आज अधिवक्ता संघ के लिखित शिकायत पर मुझ गरीब को बेघर कर पेट पर लात मारी गयी.उन्होंने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगते हुए कहा कि यदि मुझ गरीब को इंसाफ नही मिला तो अनुमंडल परिसर में स परिवार आत्महत्या कर लेंगे.

धर्म के कार्य करने वाले व्यक्ति ही समाज का विकास एवं भष्ट्राचार को बंद करेगा- शिव शंकर तिवारी

*अशिवक्ता संघ के लिखित आवेदक पर किया गया कार्यवाही:सीओ.*

अनुमंडल परिसर से अतिक्रमण मुक्त कराने पहुचे अंचल पदाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि अधिवक्ता संघ के द्वारा दिये गए लिखित आवेदन के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई.इस क्रम में अनुमंडल परिसर से तीन दुकान को खाली कराकर पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है.पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय सहित बाजार के सभी चौक चौराहे से अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा.इस अवसर पर अंचल अधिकारी के अलावा,अंचल निरीक्षक सह मजिस्ट्रेट विद्यानंद यादव,अंचल पुलिस निरीक्षक विद्यानंद पासवान,प्राहिक्षु पुअनि डेजी कुमारी,एएसआई वीरेंद्र राय,राजस्व कर्मचारी एजाज आलम,सत्यनारायण सोरेन, विवेकानंद सिंह,नगर पंचायत कर्मी के अलावा भाड़ी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल मौजूद थे.

करो योग-रहो निरोग के मूलमंत्र के साथ बनमनखी में मनाया गया अंतराष्ट्रीय योग दिवस.

बनमनखी में एक गरीब भूमिहीन परिवार पर कार्यवाही दुर्भाग्यपूर्ण:डब्बू.

राजद नेता सह पंचायत समिति सदस्य अभय कुमार पासवान उर्फ डब्बू ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बनमनखी प्रशासन के द्वारा की गई कर्यवाही पूर्वाग्रह से ग्रस्त है.उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन की यह कार्यवाही है तो केवल तीन दुकान पर हीं क्यों? अंचल सहित पूरे बाजार की सड़कें व कई सरकारी भवन पर बड़े बड़े व्यपारी व लोगों द्वारा कब्जा किया हुआ है.आखिर उसपर कार्यवाही क्यों नही होता है.उन्होंने कहा कि एक गरीब व्यक्ति जिसके पास रहने तक के लिए घर नही है.वह दुकान चलकर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था.केवल उसके दुकान को टारगेट कर तोड़ दिया जाना कहाँ तक उचित है.उन्होंने कहा कि यदि घर बसाने की क्षमता प्रशासन में नही है तो उजाड़ने की अनुमति कहाँ से मिल गया.उन्होंने कहा कि मामले में राजद अब चुप बैठने वाला नही है.जिला अधिकारी सहित बिहार सरकार को लिखित शिकायत कर स्थनीय प्रशासन की कृत से अवगत कराने का काम किया जाएगा.यदि गरीब व्यक्ति को न्याय नही मिला तो हम लोग आंदोलन के बाध्य होंगे.जिसकी जबाबदेही स्थानीय प्रशासन की होगी.

*आक्रोश:अग्निपथ के विरोध में सड़क पर उतरे अभ्यार्थी,आगजनी कर 1 घंटे तक किया प्रदर्शन.*