मानवता की सेवा में प्रतिपल समर्पित हो जीवन-सत्गुरू मातासुदीक्षा जी महाराज ब्रांच एटा के निरंकारी भक्तों ने 74 युनिट किया रक्तदान
सत्गुरू माताजी ने आगे फरमाया कि बाबा गुर बचन सिंह जी के जीवन एवं उनकी शिक्षाओं से हमे प्रेरणा लेते हुए मानवता की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योग दान देना है। इसके अतिरिक्त सत्गुरू माताजी ने बाबा हरदेव सिंह जी की अहम सिखलाईयों का भी जिक्र किया कि रक्तदान के माध्यम द्वारा मानवता की सेवा में हम अपना बहुमूल्य योगदान देकर किसी की जान बचा सकते है। यदि हम शरीर रूप में अपनी सेवाओं को निभाने में किसी कारण असर्मथ हैं और हम रक्तदान भी नहीं करपा रहे, तो भी सेवा की भावना स्वीकार्य है।
सत्गुरू माताजी ने आगे कहा कि किशोरावस्था हमें यह इंतजार रहता है कि कब हम युवास्था में प्रवेश करेंगेऔर मानवमात्र की सेवा,रक्तदान के माध्यम से कर सकेंगे। ऐसी ही सेवा भावना हम सभी में बनी रहे।
युग प्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी ने आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से आपसी भाईचारे एवं मिलर्वतन का विश्व भर में संदेश दिया। साथ ही सेवा के पुंज, समर्पितगुरु-भक्त चाचाप्रताप सिंह जी एवं अन्य भक्तों को भी इस दिन स्मरण किया जाता है। ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर प्रति वर्ष जहाँ संपूर्ण देश में सत्संग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, वहीं विशेषतः रक्तदान शिविरों की विशाल श्रृंखला का आरम्भ होता है जो वर्ष भर निरंत रचलता रहता है।
इस अवसर पर संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा के अतिरिक्त संपूर्ण भारत वर्ष मे लगभग 272 शहरो में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया जिसमे लगभग 50,000 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। जैसा कि विदित ही है कि संत निरंकारी मिशन सदैव ही मानवीय मूल्यों की रक्षार्थ हेतु की गई सेवाओं के लिए प्रशंसा का पात्र रहा है और कई राज्यों द्वारा सम्मानित भी कियागयाहै। लोककल्याण के लिए यह सभीसेवाएंनिरंतरजारीहै।