महाशिवरात्रि पर दिन भर बाबा नर्मदेश्वरधाम मंदिर में उमड़ती रही श्रद्धालुओं की भीड़.

महाशिवरात्रि पर दिन भर बाबा नर्मदेश्वर धाम मंदिर में उमड़ती रही श्रद्धालुओं की भीड़.

एस.के.सम्राट

सम्पूर्ण भारत डेस्क,पूर्णिया:-अनुमंडल के बनमनखी,सरसी एवं जानकीनगर थाना क्षेत्रों में शिवरात्रि पर्व धूमधाम के साथ मनाई गयी.महाशिवरात्रि को लेकर गुरुवार से हीं चहुंओर भक्ति का समां बंध गया है.सभी शिवभक्ति में लीन हैं.

गुरुवार की रात्रि शिव विवाह के पश्चात लोग भगवान त्रिशुलधारी को जलाभिषेक कर अपनी मन की कामना के लिए शुक्रवार की अहले सुबह करीब चार बजे से देर शाम तक धेमेश्वर धाम मंदिर में जलाभिषेक करते रहे.दूसरी तरफ सरसी थाना क्षेत्र के मसुरिया गांव में महाशिवरात्री को लेकर पूरा इलाका भक्तिरस में डूब गया है.

दो वर्ष पूर्व समाजसेवी कलानंद सिंह के नेतृत्व में जन सहयोग से निर्मित नर्मदेश्वर शिव मंदिर में शिव-पार्वती सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर महाशिवरात्री का भव्य आयोजन किया गया था.इस वर्ष भी उक्त मंदिर में गुरुवार की रात्रि में शिव विवाह का भव्य आयोजन किया गया.

इस मौके पर शिव बारात में क्षेत्र के सैकरों नर नारी सामिल हुए.मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी नवनील कुमार, प्रखंड आपूर्ति पदाधाधिकारी गणेश कुमार,फेयर फ्राईस डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेन्द्र प्रसाद सिंह,सचिव कलानंद सिंह उर्फ़ मोहन सिंह,सदस्य में संजय साह,कृष्ण कन्हेया यादव,रामानंद साह,निर्मल झा,हरी लाल राम,गजेन्द्र यादव,विजय मंडल,अरुण मंडल,अमित कुमार मंडल,हीरा लाल चौधरी,विक्रम सिंह,नीतीश रंजन,शिवानी सिंह राठौड़ आदि मौजूद थे.

आकर्षण का मुख्य केंद्र बिंदु बना रहा बाबा धीमेश्वर धाम मंदिर:-

काझी हृद्यानगर पंचायत अंतर्गत धीमा ग्राम स्थित बाबा धिमेश्वर धाम मंदिर इन दिनों आकर्षण का केंद्र विन्दु बना हुआ है.धीमेश्वर नाथ में भगवान शिव का सुंदर एवं आपरूपी शिवलिंग है जिसकी ख्याति काफी दूर-दूर तक फैली है.

इस आपरूपी शिवलिंग के संदर्भ में मान्यता है कि यहां राजा हिरण्यकश्यपु एवं अंग प्रदेश के राजा दानवीर कर्ण पूजा-अर्चना करने आया करते थे.बताया जाता है कि पहले यह इलाका जंगली इलाका था तथा निर्जन जंगल में यह शिवलिंग कच्चे मिट्टी के घर में था.

परंतु 20वीं सदी में धीमा ग्राम निवासी स्व. बाबा प्रताप झा ने जन सहयोग से यहां मंदिर निर्माण कराया. बताया गया कि स्व. प्रताप झा जी शिव साधक थे और उन्होंने इस शिवलिंग पर मंदिर निर्माण करवाने का प्रण लिया था. वर्तमान में यहां शिव, अर्धनिर्मित पार्वती, बजरंगवली सहित देवी जयमंगला की मंदिर है.

प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की आकर्षक बारात भी निकाली जाती है. जिसमें हजारों नर-नारी शामिल होते हैं तथा सड़क के दोनों किनारे लोग कतारबद्ध होकर शिव के इस बारात का आनंद उठाते हैं.शिव विवाह का मनोरम दृश्य देखने के लिए मंदिर परिसर में शिवभक्त नर-नारियों से खचाखच भर जाता है. मंदिर से सटे चार दिवसीय भव्य मेला भी लगाए जाते हैं.

यहां यह भी स्मरणीय है कि बाबा धीमेश्वर के दरबार से आजतक कोई भी निराश नहीं लौटा है, दिल से मांगी हर इच्छा को बाबा अवश्य पूरा करते हैं. इलाके के लोगों का बाबा धीमेश्वर के प्रति अटूट विश्वास एवं श्रद्धा व भक्ति यह प्रदर्शित करता है.