*मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर,कचहरी बलुआ पंचायत में हड़कंप.*

*महिला मजदूरों की जगह पुरुषों की फोटो अपलोड, मुखिया–पंचायत रोजगार सेवक की मिलीभगत की चर्चा तेज.*

बनमनखी(चंदन पंडित):-महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करने में सामने आई गंभीर अनियमितताओं के बाद कचहरी बलुआ पंचायत में हड़कंप मच गया है। NMMS ऐप के माध्यम से हाजिरी दर्ज करने में फर्जीवाड़े को लेकर आयुक्त मनरेगा के सख्त आदेश के बाद पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार की परतें खुलती नजर आ रही हैं। इस पूरे मामले ने न सिर्फ प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचाई है, बल्कि ग्रामीणों में भी आक्रोश बढ़ा दिया है।

 

जांच के दौरान सामने आया है कि कचहरी बलुआ पंचायत में मनरेगा कार्यों में महिला मजदूरों के नाम पर पुरुषों की तस्वीरें अपलोड की गईं। बताया जा रहा है कि कम से कम नौ महिला लेबर की उपस्थिति दर्शाने के लिए पुरुषों की फोटो NMMS ऐप पर अपलोड कर दी गई, जिससे नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं। स्थानीय स्तर पर यह चर्चा जोरों पर है कि यह सब मुखिया और पंचायत रोजगार सेवक की मिलीभगत से किया गया।

 

एक ही फोटो, अलग-अलग हाजिरी:- सूत्रों के अनुसार, जांच में यह भी सामने आया कि कुछ तस्वीरें एक से अधिक मस्टर रोल में इस्तेमाल की गईं। वहीं, कई मामलों में लाइव फोटो लेने के बजाय पहले से खींची गई तस्वीरों को अपलोड किया गया। नियमों के अनुसार सुबह और दोपहर दोनों सत्रों की फोटो अनिवार्य है, लेकिन कई कार्य स्थलों पर दोपहर की फोटो अपलोड ही नहीं की गई, फिर भी पूरी हाजिरी दिखा दी गई।

 

आयुक्त के आदेश के बाद मचा हड़कंप:-आयुक्त मनरेगा द्वारा जारी आदेश में इन अनियमितताओं को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन को विस्तृत जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आदेश के बाद कचहरी बलुआ पंचायत कार्यालय में दिनभर अफरा-तफरी का माहौल रहा। मनरेगा से जुड़े कर्मियों में यह चर्चा आम है कि अब कार्रवाई की गाज किस पर गिरेगी।

 

मजदूरों के हक पर सवाल:-ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियां सीधे तौर पर गरीब महिला मजदूरों के हक पर डाका है। जिन महिलाओं ने वास्तव में काम किया, उनके नाम पर यदि फर्जी तरीके से हाजिरी दिखाकर भुगतान निकाला गया, तो यह गंभीर वित्तीय अनियमितता और विश्वासघात का मामला है।

 

प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी:-आयुक्त के निर्देश के अनुसार, NMMS ऐप से जुड़े सभी संदिग्ध मामलों की जांच कर दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों की पहचान की जाएगी। साथ ही की गई कार्रवाई की रिपोर्ट (एटीआर) उच्च कार्यालय को भेजना अनिवार्य किया गया है। माना जा रहा है कि कचहरी बलुआ पंचायत का मामला पूरे जिले के लिए नजीर बन सकता है।

 

फिलहाल, आयुक्त के सख्त तेवर और संभावित कार्रवाई की आशंका से कचहरी बलुआ पंचायत में खलबली मची हुई है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि जांच के बाद मुखिया और पंचायत रोजगार सेवक की भूमिका पर क्या कार्रवाई होती है और क्या मनरेगा में व्याप्त इस तरह की गड़बड़ियों पर वास्तव में लगाम लग पाएगी या नहीं।

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