धनतेरस पर बाजार में लोगों ने की जमकर खरीदारी.

धनतेरस पर बाजार में लोगों ने की जमकर खरीदारी.

सम्पूर्ण भारत,बनमनखी:-कोरोना संक्रमण के चलते काफी समय से सुस्त पड़े बाजार में धनतेरस पर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला.परिधान, आभूषण, वाहन, इलेक्ट्रानिक सामान और रंग-बिरंगे दीयों से लेकर अन्य सजावट सामग्री से बनममखी अनुमंडल मुख्यालय सहित सरसी एवं जानकीनगर का बाजार पूरी तरह से गुलजार नजर आया. बाजार में आकर्षक आफर के माध्यम से ग्राहकों को लुभाने की होड़ सी लगी रही. ज्वेलर्स, बर्तन, इलेक्ट्रोनिक्स बाजार में लाखों की ब्रिकी हुई. वहीं, इसके बाद इलेक्ट्रानिक मार्केट एवं आटो मोबाइल मार्केट में ग्राहकों का उत्साह खूब देखने को मिला.टीवीस चांद मोटर्स के प्रोराईटर बिजेन्द्र यादव एवं हीरो माँ काली मोटर्स के प्रोपराइटर ने बताया कि पहले से बुकिग के बाद कई ग्राहकों ने बाईक की चाबी आज तय मुहुर्त पर ली.

*बर्तन, ज्वेलर्स गिफ्ट व चिमनी मिट्टी से बने मूर्ति की दुकानों पर लगी रही लाइनें*

शहर में गिफ्ट आइटम, बर्तन व चिमिनी मिट्टी से बने मूर्ति की दुकानों में जबरदस्त भीड़ रही.बाजार में हर आयु और आय वर्ग के लोगों के लिए उपहारों की बहार है. गिफ्ट में कप-प्लेट, गिलास का सेट, लेमन सेट की बिक्री हुई.वहीं, मिक्सी, प्रेशर कूकर की भी अच्छी सेल हो रही है.सरसी में चिमिनी मिट्टी की मूर्ति बेच रहे दुकानदार सुनटून सिंह ने बताया की दुकानों पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के साथ लोग अन्य देवी देवताओं की मूर्ति की भी खरीदारी कर रहे हैं.मुख्य बाजार के मिठाई दुकानदार रमेश अग्रवाल ने बताया कि मिठाई,रसगुल्ले के साथ-साथ लोकल बर्फी व सोनपापड़ी की जबरदस्त डिमांड है.

*सजावट के सामान से अटा बाजार, स्वदेशी की मांग :*

घरों की सजावट के सामान से बाजार अटा हुआ है. इस बार स्वदेशी सामान की ज्यादा मांग है. बाजार में बिजली के बल्ब की रंग-बिरंगी लड़ियां लोगों को लुभा रही हैं.50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की लड़ियां घरों की बाहरी सुंदरता पर चार चांद लगाएंगी.फ्लावर, एलईडी लाइट, एलईडी पट्टा, पर्ल लाइट की कई वेरायटी बाजार में हैं. इसके साथ ही लक्ष्मी व गणेश के अलावा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां बाजार में बिक रही हैं.

*मिट्टी के दीयों की मांग, विक्रेता उत्साहित:*

शहर के बाजारों में दीयों के स्टाल पर सजे डिजाइनर दीये आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. दीया विक्रेता मुन्ना पंडित का कहना है कि शहर से सटे धीमा ग्राम में 100-15 परिवार हीं मिट्टी दीये बनाने का काम करते हैं.इस बार पिछली बार की तुलना में दुगने दीये बनने का अनुमान है.चूंकि इस वर्ष दीयों की अच्छी खासी मांग है. कई संस्थाओं ने तो पहले ही बुकिग कर रखी थी.कई प्रकार के दीये इस बार बाजार में बिक रहे हैं, जिसमें साधारण के साथ-साथ विभिन्न डिजाइन वाले दीये भी शामिल हैं.