दिल्ली (एसबीएनएन):- देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस के जवानों ने बीती रात रिज रोड से इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक आतंकी को गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक उसके पास से आईईडी (IED) और पिस्टल भी बरामद हुआ है। पुलिस की मानें तो आतंकी जब धौलाकुआं से करोल बाग की ओर जा रहा था, तभी इसे धर दबोचा गया। आपको बता दें कि इस्लामिक स्टेट लगातार भारत में पांव पसारने की कोशिश कर रहा है।अमेरिका के खास कमांडो ने इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल बगदादी और उसके दूसरे नंबर के उत्तराधिकारी को भले ही मार गिराया हो लेकिन इस संगठन की जड़ें कई अन्य देशों में गहरी है। जिन देशों में ये आंतकी संगठन सक्रिय है वहां के लोग डर के जीवन जीने को मजबूर हैं।आइए आपको बताते हैं अभी ऐसे और कौन-कौन से देश हैं जहां पर इस्लामिक स्टेट या उससे जुड़े हुए संगठन सक्रिय है और आतंकी गतिविधि को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।
1. अगस्त के पहले सप्ताह में अफगानिस्तान के पूर्वी नांगरहार प्रांत की एक जेल पर हुए आतंकवादी हमले में 29 लोगों की मौत हुई है. आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने जेल पर हमला किया था जिसमें 29 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए. मुठभेड़ करीब 18 घंटे तक चली थी.
- मिस्र में आइएस ने 2015 में शर्म अल शेख एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले एक रूसी विमान को मार गिराया था. हमले में विमान में सवार सभी 224 यात्री मारे गए थे. विमान गिराने के बाद इस्लामिक स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी भी ली थी।
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अप्रैल 2019 में श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर चर्च और अस्पतालों में हुए बम धमाकों में इस्लामिक स्टेट का हाथ था. श्रीलंका के अधिकारी धमाकों के लिए आईएस से जुड़े दो स्थानीय मुस्लिम चरमपंथी गुटों को जिम्मेदार भी मानते हैं. आठ बम धमाकों ने श्रीलंका को हिला दिया था जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गये थे।
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नाइजीरिया में इस्लामिक स्टेट के वेस्ट अफ्रीकी प्रोविंस गुट ने साल 2018 में कई सैन्य अड्डों को निशाना बनाया. खबरों की मानें तो उतरी नाइजीरिया में 2009 से बोको हराम ने कई बड़े हमले किए हैं, बोको हराम ने 30 हजार से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. 2016 में यह गुट दो हिस्सों में बंट गया है जिसका एक धड़ा खुद को इस्लामिक स्टेट के प्रति वफादार बताता है।
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यदि आपको याद हो तो सीरिया में भी अमेरिका बलों में सीरियाई कुर्द बलों के साथ मिलकर इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अभियान चलाया था जिसकी वजह से इस्लामिक स्टेट को बहुत नुकसान हुआ. नुकसान होने की वजह से इस्लामिक स्टेट ने साल 2018 में उत्तरी इलाके में कई हमले किये. साथ ही अमेरिकी बलों को भी निशाना बनाया. बताया जा रहा है कि लड़ाके पूर्वी सीरिया में फिर से पनप रहे हैं।
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इराक में इस्लामिक संगठन से जुड़े लड़ाके अमेरिका समर्थित फौजों के सामने घुटने टेक चुका है. इस वजह से अब वो गुरिल्ला वॉर के हथकंडे अपना रहा है. ऐसा भी नहीं है कि अमेरिकी फौजों के हमले के बाद से इस्लामिक संगठन के कैंप बंद हो गए हो. ये ऐसे आतंकी हैं जो कैंप अब भी वहां चल रहे हैं।
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अमेरिकी थिंकटैंक सेंटर फॉर ग्लोबल पॉलिसी की मानें तो सऊदी अरब में इस्लामिक स्टेट सक्रिय है. ये भी मुस्लिम देश है इस वजह से यह संगठन यहां भी अपनी जड़ें गहरी करना चाह रहा था लेकिन अभी तक उसे ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग 500 इंडोनेशियाई इस आतंकी संगठन के लिए लड़ने के मकसद से सीरिया गए थे. साल 2018 में सुराबाया में हुए आत्मघाती हमलों में तीस लोग मारे गए थे. इस हमले के पीछे जमाह अंशारुत दौला का हाथ बताया गया जो इंडोनेशिया में इस्लामिक स्टेट की बागडोर संभालता है.
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