बिहार का इलेक्शन अपने चरम पर है। माना जा रहा है कि साल के अंत तक बिहार का इलेक्शन करवाया जाएगा। इन सब के बीच सुशांत के सुसाइड केस को लेकर पॉलीटिकल पार्टी राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।
सुशांत सिंह राजपूत के केस के जरिए राजनीतिक पार्टी वोट बनाने की कोशिश में अपना अपना दांव खेल रही है। सुशांत सिंह सुसाइड का मुद्दा लोगों के दिल से सड़कों पर और सड़क से राजनीति गलियारों में उतरती दिख रही है। अब बिहार के लड़के के इंसाफ की मांग जंग में बदल चुकी है। बिहार के राजनेता अब खास इसमें रुचि लेने लगे हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी अब इसमे रुचि दिखा रहे हैं।सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने अधिकारियों से यह संभावना तलाशने को कहा है कि सरकार सीधे इस मामले का जिम्मा सीबीआई को सौंप सकती है या नहीं।
बता दें कि इस कोरोना महामारी में जनता का सहयोग न करने का आरोप झेल चुके नीतीश कुमार सुशांत सिंह के केस में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं। वह सुशांत से केस में यह दिखाना चाहते हैं कि वह बिहार के लड़के के साथ खड़े हैं।
सीएम नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि और पॉलिटिकल पार्टी भी इस मुद्दे को लेकर अपना बयान दे रही है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को बिना देरी किए हुए महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि यह केस जल्द से जल्द सीबीआई को सौंप दिया जाए।
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बात की है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस केस के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
बता दे कि सुशांत के पिता केके सिंह के एफआईआर के बाद यह केस एक नया मोड़ ले चुका है। रिया चक्रवर्ती पर पैसे लेने के आरोप हैं और सुशांत को आत्महत्या के लिए भड़काने का भी आरोप लगाया गया है।
सुशांत सिंह सुसाइड मुद्दा भावनात्मक मुद्दा के साथ-साथ अब एक राजनीतिक मुद्दा भी बनता जा रहा है। राजनेताओं की एंट्री अब इस केस को कितना मजबूत बनाती है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन बिहार चुनाव से पहले यह राजनेताओं के लिए वोट बैंक का मुद्दा नजर आ रहा है।
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