पूर्णिया कोर्ट:-बिहार के पूर्णिया व्यवहार न्यायालय के विकास में शनिवार को उस समय एक नया अध्याय जुड़ गया, जब पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन ने बिहार के पहले डिजिटाइजेशन सेंटर व ई-फाइलिंग सेंटर का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उद्घाटन किया. बाद में इसे पूरे सूबे में लागू किया जायेगा. चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन ने डिजिटाइजेशन के लिए वकीलों का आह्वान किया कि माइंड सेट बदलिये, फिर डिजिटलाइजेशन आसान हो जायेगा. डिजिटाइजेशन से न्यायालय पेपरलेस हो जायेगा.
सारे कागजात एक जगह प्राप्त हो जायेंगे. तमाम न्यायालय के कागजात एक क्लिक पर कंप्यूटर स्क्रीन पर प्राप्त हो जायेंगे, जिससे सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जायेगी. घर बैठे सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. सभी को काम करने में काफी सुविधा होगी. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों ने एडिशनल रिकॉर्ड रूम का भी उद्घाटन किया गया. इस मौके पर चीफ जस्टिस के साथ वरिष्ठ न्यायमूर्ति सह चेयरमैन ई कमेटी चक्रधारी शरण सिंह, न्यायमूर्ति मोहित कुमार साह, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर झा, न्यायमूर्ति पूर्णेन्दू सिंह एवं न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली मौजूद थे.
अदालत का कामकाज होगा पेपरलेस:-सिविल कोर्ट पूर्णिया ने शनिवार को तकनीक के क्षेत्र में नई छलांग लगाई है. शनिवार को यहां डिजिटलाइजेशन सेन्टर की शुरुआत हुई. इसके साथ ही अदालत की कार्रवाई पेपरलेस करने की दिशा में मिल का पत्थर साबित हुआ.इसकी शुरुआत को लेकर चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन अन्य न्यायाधीशों के साथ खुद पहुंचे थे. इसके पहले यहां तकनीक विशेषज्ञों की टीम पहले ही पहुंच चुकी थी.
वकीलों से मिलने के लिए पहुंचे चीफ जस्टिस:-सीमित अवधि के लिए पूर्णिया पहुंचे चीफ जस्टिस बार एसोसिएशन में वकीलों से मुलाकात करने पहुंचे.उनके साथ अन्य जस्टिस भी मौजूद थे. वहां उन्होंने वकीलों से इस काम में सहयोग की अपील की.साथ ही ई-फाइलिंग की शुरुआत के लिए वकीलों का आवश्वासन भी हासिल किया. उन्होंने वकीलों से माइंड सेट बदलने के साथ नई तकनीक को अपनाने की अपील की.