*कलंक कथा,पार्ट-01: बनमनखी में राजस्व कर्मचारी,डाटा ऑपरेटर की धांधली व मनमानी से परेशान हो रहे लोग,बिना चढ़ावा दिए नहीं होता है कोइ काम.*

*डाटा सेंटर में ओपरेटर के जगह बिचोलिय करते हैं काम,हर काम के एवज में किसानों से लेता है दाम:-*

*कलंक कथा: बनमनखी में राजस्व कर्मचारी,डाटा ऑपरेटर की धांधली व मनमानी से परेशान हो रहे लोग,बिना चढ़ावा दिए नहीं होता है कोइ काम.*

सम्पूर्ण भारत डेस्क,बनमनखी(पूर्णियां):-बनमनखी अंचल क्षेत्र में इन दिनों विशेष सर्वेक्षण का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.फलस्वरूप रैयत अपनी जमीन का ऑनलाईन लगान जमा कर रसीद प्राप्त करना चाहते हैं और इसके लिए बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न भागों में रहनेवाले किसान व ग्रामीण हल्का कर्मचारी के पास दौड़ लगा रहे हैं.इन रैयत किसानों के पास समस्याओं की लंबी फेहरिस्त है, जिसका निराकरण नहीं हो पा रहा है.किसानों की शिकायत है कि राजस्व कर्मचारी के द्वारा इन दिनों काफी धांधली व मनमानी की जा रही है.वर्षों गुजर जाने के बाद भी आज तक जमाबंदी को ऑनलाईन नहीं किया गया है.जिस जमाबंदी को ऑनलाईन किया भी गया है उसमे भाड़ी विसंगतियां है. किसी में खाता तो किसी में खेसरा नंबर गलत अंकित कर दिया गया है, तो किसी में लगान शून्य दिखा रहा है.ऐसे में ऑनलाईन लगान रसीद प्राप्त करना किसानो के लिए किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है.अहले सुबह किसान हर काम को छोड़ कर बनमनखी अंचल सहित विभिन्न गली मोहल्ले के निजी भवनों में चल रहे राजस्व कर्मचारी के कार्यालय में हाजरी लगाने पहुच जाते हैं.जहाँ राजस्व कर्मचारी से पहले उनके कथित निजी कर्मी मोजूद रहते हैं जो किसानो की समस्या के अनुसार अपना रेट चार्ट खोलते हैं.जो किसान रेट चार्ट पर अपना मौन सहमती देते हैं उनका काम तो हो जाता है. लेकिन जो आना-कानी करते हैं उन्हे आज कल का बहाना बनाकर परेशान किया जाता है.ऐसा भी नहीं है कि इस बात की शिकायत या जानकारी अंचल पदाधिकारी को नहीं होता है.लेकिन वे भी राजस्व कर्मचारियों के कमी का हवाला देकर कार्यवाही से पल्ला झाड़ लेते हैं.

*डाटा सेंटर में ओपरेटर के जगह बिचोलिय करते हैं काम,हर काम के एवज में किसानों से लेता है दाम:-*

धीमा निवासी कैलाश शर्मा,बाघमारा गांव निवासी कारे लाल मंडल,धरहरा निवासी अरुण यादव आदि किसानों ने बताया कि राजस्व कर्मचारी के चिरोरी काटने के बाद यदि वे परिमार्जन स्लिप पर रिपोर्ट कर भी देते हैं तो डाटा ओपरेटर कुछ न कुछ बहाना बनाकर कागजात लेने से इंकार कर देता है.ऐसे में एक मात्र विकल्प अंचल परिसर में कुकुरमुत्ते की तरह घूम रहे दलालों से काम करवाने की मजबूरी हो जाती है.जिसका सांठ-गाँठ डाटा ओपरेटर से लेकर कर्मचारी तक होता है.जिसका प्रमाण अंचल अभिलेखागार में बने डाटा सेंटर के कुर्सी पर बैठ काम करते कुछ संदिग्ध व्यक्ति से लगाया जा सकता है.हालाँकि हाल के दिनों में शिकायत मिलने के बाद अंचल पदाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास ने एक संदिग्ध युवक को डाटा सेंटर में बेखोफ काम करते हुए पकड़ा था तब उन्होंने डाटा ओपरेटर संजीव कुमार को कड़ी फटकार एवं उक्त युवक को अंतिम चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था.उसीके बाद कुछ दिनों तक माहौल पूरी तरह न केवल शांत रहा बल्कि किसानो का काम बिना नजराना दिए होने लगा था.लेकिन मामला शांत होता देख डाटा सेंटर में बतौर बिचौलिया की भूमिका निभाने वाले युवक एक बार फिर से सक्रीय हो गए हैं.बताया जा रहा है कि इस बार उसने काम को अंजाम देने का तरिअका बदल लिया है.डाटा सेंटर के जगह अब वह डाटा ओपरेटर के आवास पर किसानों को बुलाते हैं जहाँ किसानों से अवैध बसूली कर जमाबंदी में सुधार,लगान निर्धारण,परीमार्जन सहित दाखिल ख़ारिज मामले का निपटारा बड़े आराम से करते हैं.जिसपर इसलिए भी किसी को शक नहीं होता है कि वह सरकारी कार्यालय कर्मी का सरकारी आवास है.इधर डाटा ऑपरेटर संजीव कुमार की कारिस्तानी की खबर मिलने के बाद भूमि सुधर उप समाहर्ता ने भी शख्त कार्यवाही करते हुए उन्हें प्रतिदिन दोनों समय अनुमंडल कार्यालय पहुच कर हाजरी लगाने का निर्देश जारी किया है.बाबजूद अंचल कार्यालय कर्मी की मनमानी चरम पर है.

*बोले अधिकारी:-*

बनमनखी के अंचलाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास कहते हैं कि यदि किसी किसान या रैयत को कोई दिक्कत है? अथवा किसी राजस्व कर्मचारी या डाटाऑपरेटर के विरूद्ध शिकायत है? तो आवेदन मिलने पर इसकी जांच पड़ताल कराई जाएगी तथा दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

नोट:कलंक कथा: के अगले अंक (पार्ट-2) में पढ़े:-गली मुहल्ले के निजी भवनों में चलता है हल्का कचहरी,जहां निजी कर्मियों के द्वारा किया जाता है सरकारी दस्तावेजों के साथ छेडख़ानी.

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