एक वर्ष में नौ करोड़ खर्च कर पूर्णिया के सात पर्यटक स्थलों का होना था विकास,लेकिन ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य नही हुआ पूरा.
सम्पूर्ण भारत डेस्क:-राज्यभर में लाकडाउन के बाद स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के उद्देश्य से वर्ष 2020 में हीं बिहार सरकार ने विभिन्न पर्यटन स्थलों को विकसित करने का निर्णय लिया था.जिसके तहत पूर्णिया जिला अंतर्गत सात स्थलों पर पर्यटकों का चयन करते हुए नौ करोड़ 12 लाख से अधिक रुपए की राशि की स्वीकृत दी गयी थी.उक्त राशि से सितंबर 2020 से हीं विभिन्न योजना के तहत काम शुरू कर दिया गया था.
12 महीने में हीं सातों पर्यटक स्थल का करना था सम्पूर्ण विकास,ढाई वर्ष बीत गए योजना नही हुआ पास.
गौरतलब है कि बिहार सरकार के निर्देश पर सितंबर 2020 में हीं पूर्णियां के सात पर्यटक स्थल को विकसित करने हेतु बहुयामी योजना शुरू किया गया था.जिसे महज 12 महीने में पूरा कर लेने का निर्देश जारी किया गया था.लेकिन ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्णियां के सभी सातों पर्यटक स्थल का कार्य पूरा नही हो पाया है.संबंधित योजना की कार्यकारी एजेंसी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम है.उक्त कार्यकारी एजेंसी योजना का कार्यान्वयन समय और गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने के लिए जबाबदेह हैं.बाबजूद 12 माह में जो कार्य को पूरा होना था,वह ढाई वर्ष बाद भी अधूरा है.इतना हीं नही चल रहे योजना की कई जगह से शिकायत मिल रही है कि कुछ जगह को छोड़कर शेष स्थालों पर गुणवत्ता विहीन कार्य की जा रही है.जिसकी निगरानी करने वाला कोई नही है.ऐसे में पूर्णियां वासी सरकार के करनी और कथनी देख खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.
*पर्यटन स्थल को विकसित करने का सरकार इस तरह किया था रोडमेप तैयार,कब होगा कार्य पूरा लोगों को है इंतजार.*
– पर्यटन स्थलों की घेराबंदी
– लाइटिंग की व्यवस्था
– रात्रि विश्राम के लिए व्यवस्था
– पैदल पथ
– शौचालय व स्नानघर
– खाने पीने की व्यवस्था
– सुरक्षा कर्मी
– आने जाने के लिये बस और आटो सहित अन्य गाड़िया
*पूर्णियां के इन सात स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में किया जाना है विकिसत.*
–धीमेश्वर स्थान,प्रखंड-बनमनखी,पूर्णियां. राशि-1,30,10,000/-
-वरुनेश्वर स्थान,प्रखंड-बी कोठी,पूर्णियां. राशि-83,05,000/-
-गाँधी सर्किट,टिकापट्टी,प्रखंड-रुपोली,पूर्णियां. राशि-89,63,000/-
-माँ काली मंदिर,पूर्णियां राशि- 99,47,800/-
-पूरण देवी मंदिर,पूर्णियां. राशि- 1,20,31,000/-
-कामख्या स्थान मंदिर,प्रखंड-के नगर,पूर्णियां. राशि-2,14,01,700/-
-प्रह्लाद स्तम्भ,प्रखंड-बनमनखी,पूर्णियां. राशि-1,75,51,800/-
*पर्यटन विभाग के केटेगरी (सी)में जिला के 17 स्थल को किया गया है सूचीबद्ध.*
जिला के सभी धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने ले लिए पर्यटन विभाग ने कटेगरी (सी) के तहत 17 स्थलों को चिन्हित कर डीपीआर तैयार करने का निर्देश जारी किया है.जिसके तहत पूरण देवी मंदिर,रानिसती मंदिर,कझा कोठी,माँ काली मंदिर,प्रह्लाद स्थम्भ,हिरण्यकश्यप घर,कामख्या स्थान,धेमेश्वर महादेव स्थान,माता स्थान, वरुनेश्वर स्थान एवं जलालगढ़ किला के अलावा चिन्हित पर्यटन स्थलों को रोड मेप के तहत जिला के कला भवन,कैथोलिक चर्च,शहीद स्मारक टाउन होल,पाल्मर्स हॉउस पूर्णियां कोलेज,फोब्स हॉउस राजकीय उच्च विधालय पूर्णियां एवं गाँधी सर्किट टिकापट्टी व रानीपतरा को सामिल किया गया है.
बनमनखी के भक्त प्रह्लाद मंदिर का क्या है इतिहास:
अनुमंडल में कई गौरवशाली, पौराणिक धार्मिक एवं एतिहासिक स्थल है जो सेकरों-हजारों वर्ष से आध्यात्मिक चेतना ,जन चेतना तथा सामाजिक परिवेश में मानवीय चेतना का संचार करती रही है. यह स्थल राष्ट्रिय ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाये हुए हैं. जिसमे से सिकलीगढ़ धरहरा का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. मान्यताओं के अनुसार बनमनखी अनुमंडल के ह्रदयस्थल में चिरकाल से मौजूद ह्रदय नगर गांव स्थित अति प्राचीन सिकलीगढ़ के भग्नावशेष हिरण्यकश्यपू के हैं. जहाँ भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु नरसिंह रूप में प्रकट हुए थे. इस गढ़ का भग्नावशेष धीरे-धीरे जमीदोज हो गया है जो अब टीले के रूप में दिखता है. इस गढ़ में एक स्तम्भ है जो धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है. कहा जाता है कि यह वही स्तंभ है जिससे भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेकर प्रकट हुए एवं अपने परम भक्त प्रहलाद की रक्षा किये तथा प्रह्लाद के प्रतापी पिता हिरण्यकश्यपू का वध किये थे. वर्षों पूर्व यहाँ से एक हिरण्य नदी बहती थी जो अब बिलुप्त हो गया है. इस लिहाज से भी दशकों से स्थानीय लोग,बुद्धिजीवी स्थलों को पर्यटन स्थल की दर्जा दिलाने मांग कर रहे थे.
पूर्णिया -सहरसा रास्ट्रीय राज्य मार्ग- 107 से सटे बनमनखी नगर पंचायत के उत्तर में अवस्थित भगवन नरसिंह स्थान की ख्याति दूर-दूर तक फेली हुई है. यहाँ वर्ष 2007 से तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी केशव कुमार सिंह के खास पहल पर भगवान नरसिंह अवतार स्थल विकास ट्रस्ट के सोजन्य से भव्य होलिका दहन कार्यक्रम की सुरुआत किया गया. जिसे देखने के लिए लाखों- लाख श्रद्धालु आने लगे.कार्यक्रम की महत्ता और इसकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 2018 में स्थानीय विधायक सह तत्कालीन कला संस्कृति एवं युवा मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि के पहल पर राज्य सरकार ने होलिका दहन कार्यक्रम को राज्यकीय होलिका महोत्सव का दर्जा दिया था.जिसे प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.