पटना:-बिहार आने वाले दुनियाभर के पर्यटक भी शीतलपेय में नीरा का पीयेंगे. बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) ने ताड़ के पेड़ से निकाले जाने वाले इस प्राकृतिक पेय (रस) को बोटलिंग (बंद बोतल) में लांच कर दिया है. नालंदा व हाजीपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों के साथ- साथ पटना खादी मॉल में इसकी बिक्री की तैयारी है. इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
जीविकोपार्जन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार नीरा के उत्पादन और बिक्री पर जोर दे रही है. काम्फेड ने बिहारशरीफ और हाजीपुर के प्लांट में 200 एमएल की बोतल में उत्पादन शुरू कर दिया है. हाजीपुर के प्लांट से 500 लीटर और बिहारशरीफ के प्लांट से 500 लीटर नीरा का उत्पादन होगा. मार्केटिंग के लिए पुराने टिस्ट्रीब्यूटर को जोड़ा गया है. गुमटी, चौराहे आदि जगहों पर छोटे- छोटे रिटेल प्वाइंट भी बनाये जा रहे हैं.
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*बाजार में छोटे- छोटे पैकेट में आयेगा नीरा का भूरा:-*
बोतलबंद नीरा का बाजार बन जाने के बाद काम्फेड नीरा को पाउडर (भूरा) के रूप में भी बाजार में उतारेगा. 50 ग्राम, 100 ग्राम और 200 ग्राम के पाउडर पैकेट (सेशे) का मूल्य क्या होगा, इस पर अभी मंथन किया जा रहा है. ओआरएस घोल को जिस तरह पानी में मिला कर पिया जाता है, उसकी तरह नीरा के भूरा को मिला कर उसका उपयोग कर सकेंगे.
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*जीविका उपलब्ध करायेगी कच्चा माल:-*
नीरा के लिए काम्फेड को जीविका द्वारा कच्चा माल उपलब्ध कराया जा रहा है. ताड़ का रस हवा – धूप के संपर्क में आता है तो फॉरमेंटशन (फेन) होकर ताड़ी में तब्दील हो जाता है. जीविका समिति सूर्य की किरण पड़ने से पहले ही उसे चिलर में स्टोर करेंगी. काम्फेड क्वालिटी की जांच के बाद 30 रुपये प्रति किलो लेगी. प्लांट पर भी बार जांच की जायेगी. अंतिम जांच पाश्चराइजेशन के समय होगी. नीरा इस तरह की प्रक्रिया से तैयार किया गया है कि डीफ्रिज में रखने पर तीन दिन तक क्वालिट बनी रहेगी.
*नीरा पौष्टिक पेय बना रहे, इसका रखा है पूरा ध्यान:-*
‘पौष्टिकता से भरपूर, रखे गर्मी से दूर, ताड़ के रस का शीतल पेय’ के नारे के साथ बाजार में उतारा गया नीरा का उत्पादन कराने में काम्फेड ने डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों की मदद ली है. प्रोसेसिंग से लेकर बिक्री तक की चेन को इस तरह डिजाइन की गयी है कि नीरा पौष्टिक पेय बना रहे.
-शिखा श्रीवास्तव, एमडी कॉम्फेड