प्रतिनिधि,बनमनखी:मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा बनमनखी पहुँचे जहां उन्होंने अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के विधि व्यवस्था का जायजा लेते हुए एमआईसी प्रिंस कुमार सुमन व अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया.बताया गया कि हाल के कुछ दिनों में लगातार प्रसव सहित ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट हो रहा है.जिसके फलस्वरूप सिविल सर्जन डा वर्मा अनुमंडलीय अस्पताल पहुच कर प्रभारी सहित उनके टीम के साथ आपातकालीन बैठक किया तथा अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में हो रहे गिरावट पर चिन्ता व्यक्त किया गया. उन्होंने प्रभारी सहित अस्पताल प्रबंधक से कहा कि पहले जहां तीन सो से अधिक मरीज ओपीडी में आते थे और सैकड़ों प्रसव पीड़िता अस्पताल पहुच कर प्रसव करवाते थे. आखिर ऐसी क्या वजह है कि अब उसकी संख्या में लगातार गिरावट हो रही है. जबकि पहले के मुकाबले अब दो दर्जन से अधिक चिकित्सक को अस्पताल में तैनात किया गया है.उन्होंने मानले में अविलंब सुधार के निर्देश भी जारी किया.इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी श्री सुमन के अलावा एचएम अभिषेक आनंद,बीएचएम अभिनाश कुमार के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मी व एएनएम मौजूद थे.
*अस्पताल की कुव्यवस्था दूर करने बनमनखी पहुँचे सिवल सर्जन को जब आरकेएस सदस्य ने दिखाया आईना तो झारने लगे रोब.*
मंगलवार को अनुमंडलीय अस्पताल की कुव्यवस्था को दूर करने एवं रोगियों को बेहतर सेवा प्रदान करने की आशय से बनमनखी पहचे सिविल सर्जन एसके वर्मा को जब स्थानीय समाजसेवी सह रोगी कल्याण समिति सदस्य ने अस्पताल जब आईने दिखाते हुए एक मांग पत्र देने की कोशिश किया तो वे अचानक से भड़क गए.इतना हीं नही उन्होंने यहां तक कह दिया कि चमड़ी का मुह है तो कुछ भी बोल देंगे. शिकायत करते हैं तो उसकी पूरी जानकारी रखें.ओर जो भी बोले हैं उसे फ़ौरन वापस लें.दरअसल हुआ यूं कि अनुमंडलीय अस्पताल में पुछले कुछ दिनों से अस्पताल आने वाले मरीजो की संख्या घटते जा रही है.लगातार घट रहे मरीजों की रिपोर्ट देखकर अस्पताल पहुचे सिविल सर्जन को जब आरकेएस सदस्य रंजीत गुप्ता ने घट रहे मरीज की संख्या की मुख्य बजह से अवगत कराया तो वे भड़क गए.आरकेएस सदस्य श्री गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाया तो गया लेकिन उसे अब तक चालू नही कराया गया है.जिससे प्रसव पीड़ित अस्पताल आने से परहेज कर रही है.वहीं अस्पताल में एम्बुलेंस का कमी हर तरह के मरीजों को भुगतना पड़ता है.इतना हिं नही लंबे समय से अस्पताल में एक हीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अस्पताल प्रबंधन कुंडली मार कर जमें हुए हैं.चिकित्सक की संख्या तो बढ़ाया गया है लेकिन अस्पताल आने वाले मरीजों को खोजने के बाद भी चिकित्सक नही मिलते हैं.इसी सब बातों से खिन्न लोग सरकारी अस्पताल में समय जाया करने से अच्छा निजी अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं.इतना सुनकर सिविल सर्जन भड़क गए और आरजेएस सदस्य को अपनी बात वापस लेने के लिए कहने लगे.
*जब दर्जनों आशा कार्यकर्ता ने अस्पताल में चल रहे भृष्टाचार की खोली पोल तो वाहन पर बैठकर सिविल सर्जन हो गए गोल.*
अस्पताल पहुचे सिविल सर्जन के समक्ष बनमनखी प्रखंड क्षेत्र की दर्जनों आशा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में चल रहे लूट खसोट की पोल खोल कर रख दिया.आशा कर्मी का शिकायत था कि वे लोग गांव देहात से प्रसव पीड़ित महिला को अस्पताल तक लाते हैं.जहां अस्पताल कर्मी,एएनएम के द्वारा हर काम के एवज में नाजायज राशि की मांग करता है.उनका शिकायत था कि मामले में शिकायत के बाबजूद भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अस्पताल मैनेजर दोषी कर्मी पर कार्यवाही करने के जगह आशा कर्मियों को बर्खास्त कर देने की चेतावनी दी जाती है.इतना सुनते हीं सिविल सर्जन डा वर्मा कुछ बोले वैगर पूर्णियां के लिए रवाना हो गए.