अधिवक्ता संघ बनमनखी के कार्यालय परिसर में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए किया गया बैठक, दिया एक दूसरे को होली की बधाई.

अधिवक्ता संघ बनमनखी के कार्यालय परिसर में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए किया गया बैठक, दिया एक दूसरे को होली की बधाई.

✍️सुनील कु. सम्राट

सम्पूर्ण भारत,बनमनखी:-शनिवार को सरकार के द्वारा जारी कोविड-19 गाईडलाईंन को पालन करते हुए अधिवक्ता संघ बनमनखी के कार्यालय परिसर में होली पर्व के मद्देनजर एक बैठक की गई.इस दौरान मौजूद विद्वान अधिवक्तों ने मास्क का प्रयोग कर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए एक दूसरे को होली की बधाई दी.मौके पर संबोधित करते हुए वरिष्ट अधिवक्ता उपेंद्र प्रसाद साह,शैलेन्द्र कुमार ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि अनादिकाल से भारत वासियों के उमंग उल्लास, रंग, अबीर के मधुमय क्षणों एवं ऋतुराज बसंत की पुष्पवर्षा का उल्लास भरा अल्हय को गुदगुदा देने वाली मनोरम बेला का नाम हीं होली है.

उन्होंने कहा कि पुरानी परंपराओं के अनुसार इसका संबंध भक्त प्रह्लाद और उनके पिता दैत्य राज हिरण्यकश्ययू से है.राधिका और भगवान कृष्ण के बीच की होली को भला कौन भारतीय भूल सकता है. आज की परिवेश में इस पर्व का सामाजिक और व्यावहारिक महत्व काफी बढ़ गया है.उन्होंने कहा कि समरस समाज में अपनापन एवं भेदभाव रहित खान-पान, रंग- अबीर दूसरे को जोड़ने का आधार है.यह पर्व हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाएगा. वर्तमान वर्ष की विदाई और नए वर्ष की खुशी तथा नई फसल से किसानों में आशा का संचार की नवीनता का नाम हीं होली है.

इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के महासचिव बिपेंद्र प्रसाद साह,पूर्व महासचिव डॉ कृष्णा कुमारी,अधिवक्ता संजीव कुमार,संजय सिंह,खगेश कुमार सिंह,राजीव कुमार,सुनील कुमार सम्राट, राज कुमार ठाकुर,अमितेश सिंह,नारायण प्रसाद,नागेंद्र पौद्दार,मो आजाद आलम,देवानंद राम,बिपिन पौद्दार,दिलीप दास,अशोक कुमार,डब्लू कुमार यादव,सुधीर कुमार,मनोज कुमार यादव,मनोज कुमार साह के अलावा कार्यालय लिपिक राजनारायण सिंह आदि मौजूद थे.