*सोमवारी आज,बाबा धीमेश्वर महादेव का दरबार सजधज कर तैयार.*

*सोमवारी आज,बाबा धीमेश्वर महादेव का दरबार सजधज कर तैयार.*

सुनील कुमार सम्राट,बनमनखी(पूर्णियां):-पूर्णियां जिला का सुप्रसिद्ध बाबा धीमेश्वर धाम महादेव का दरबार सजधज कर तैयार है.सावन की पहली सोमवारी को शिवभक्तों का जत्था बाबा के दरबार में पहुंच बाबा उग्रेश्वरनाथ के सुंदर शिवलिंग पर जलार्पण करेंगे और यह क्रम लगातार पूरे सावन भर जारी रहेगा. शिवभक्तों एवं कांवरियों के स्वागत के लिए जगह-जगह बड़े-बड़े तोरण द्वार लगाए गए हैं. शिवभक्त हजारों कांवरियों का पहला जत्था उत्तर वाहिनी गंगा कटिहार के मनिहारी से अपने कांवर में पवित्र गंगाजल भरकर सावन के प्रथम सोमवारी को 105 किलोमीटर यात्रा तय कर आपरूपी शिवलिंग पर जल अर्पित कर धिमेश्वरनाथ बाबा के दरबार में अपनी उपस्थिति देंगे.

*क्या है मंदीर का इतिहास :-*

पूर्णिया जिला के बनमनखी अनुमंडल से सटे पूरब उत्तर में काझी हृदयनगर पंचायत के धीमा ग्राम में अवस्थित बाबा धीमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में सुंदर एवं आपरूपी शिवलिंग है जो गिने-चुने ज्योर्तिलिंगों में से एक है. इस शिवलिंग की ख्याति काफी दूर-दूर तक फेली हुई है. कहा जाता है कि इस तरह का सुंदर शिवलिंग केवल रामेश्वरम में ही है. यह शिवलिंग पारदर्शी ग्रेनाईट का है जिसमें लोगों को अपना अक्श साफ-साफ दिखाई देता है. लोगों का मानना है कि यहां दिल से मांगी गई हर मुरादें पूरी होती है.मान्यता है कि असुरों के सम्राट हिरण्यकश्यपु यहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना करते थे. हिरण्यकश्यपु के अराध्यदेव महादेव ही थे तथा इस मंदिर से सटे पश्चिम हिरण्यकश्यपु के किला के भग्नावशेष सहित प्रह्लाद खंभ धरहरा के हृदयनगर में अवस्थित हैं, जिसे फाड़कर भगवान विष्णु ने नरसिंहवतार लिया था. मंदीर के बारे में यूं तो कई किदवंतीयां प्रचलित है.कहा जाता कि प्राचीन काल में इस स्थल पर निर्जन जंगल था तथा आपरूपी शिवलिंग पर एक फूस का छप्परनुमा घर था जिस पर शिवालय बनाने का प्रयास चम्पानर स्टेट के राजा द्वारा किया गया था लेकिन उन्हें इस कार्य में सफलता नहीं मिल पाई. बाद में धीमा ग्राम के शिवभक्त प्रताप झा ने जन सहयोग से यहां मंदिर बनवाया.वर्ष 1990 से यहां विधिवत शिवभक्तों द्वारा कांवर में जल भरकर लाने एवं जलाभिषेक करने की परंपरा प्रारंभ की गई जो अबतक कायम है.

*क्या है सुरक्षा व्यास्था का इंतजाम:-

वर्ष 2018 में बिहार सरकार के तत्कालीन केबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि के पहल पर सावन मास में लगने वाले मेला को राजकीय श्रावणी मेला का दर्जा मिला है तब से धिमेश्वर धाम मंदिर में लगने वाले मेला का आयोजन जिला प्रशासन हैं तथा स्थानिय प्रशासन के सहयोग से मंदीर कमेटी के सदस्य मंदीर की विधि व्यवस्था व सुरक्ष वयवस्था संभालते हैं. मंदिर विकास कमेटी के अध्यक्ष कमलेश्वरी प्रसाद सिंह उर्फ कमल सिंह ने बताया मंदीर परिसर में जहां स्थानिय ग्रामीण विधि व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन का सहयोग करते हैं वहीं स्थानिय प्रशासन के अलावा जिला से प्रतिनियुक्त पुलिस बल सुरक्षा व्यवस्था में पूर्ण रूप से सहयोग करते हैं.उन्होने कहा कि प्रति वर्ष एक लाख से ज्यादा पाँव पैदल कांवरिया सहित साइकिल, मोटर साइकिल एवं अन्य वाहन से भी शिवभक्त मनिहारी से गंगाजल भर यहां जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.बनमनखी अंचल पदाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास ने कहा की सावन को लेकर धिमेश्वर मंदीर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तैयारी की गई है.मंदीर परिसर के अलाबे चार मुख्य जगह पर पुलिस पोस्ट बनाये गये है.जहाँ भारी संख्या पुलिस बल तैनात किया जाएगा.इधर मंदिर परिसर में विधि व्यवस्था को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी मो अहमद अली अंसारी,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुलास कुमार,डीसीएलआर मो इमरान,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी चन्द्रराज प्रकाश,थाना अध्यक्ष सुनील कुमार मंडल आदि घूमघूम कर जायजा लेते रहे.

*40 फिट की दूरी से हीं इस वर्ष शिव भक्त करेंगे बाबा उग्रेश्वरनाथ पर जलाभिषेक.*

मंदिर कमिटि के अध्यक्ष कमलेश्वरी प्रसाद सिंह उर्फ कमल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा उग्रेश्वरनाथ के जर्जर मंदिर को तोड़कर नया व भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है.ऐसे में शिवभक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए 40 फिट की दूरी यानी मंदिर के मुख्य द्वार पर हीं जलाभिषेक करने का पुख्ता इंतजाम किया गया है.उन्होंने बताया कि इस वर्ष शिव भक्त मुख्य गेट पर बने अर्घा पर जलार्पण करेंगे जो पाइपलाइन के माध्यम से सीधा शिवलिंग पर अर्पित होगा.इससे न केवल भीड़ पर नियंत्रण होगा बल्कि आसानी से शिवभक्त बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकेंगे।