बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, अब JDU के टिकट पर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
Patna: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से जुड़ी यह बड़ी खबर है। उन्होंने मंगलवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वे 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे। गृह विभाग ने उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मंजूरी प्रदान कर दी है। अब वे जनता दल यूनाइटेड प्रत्याशी के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पुलिस सेवा के बाद यह राजनेता के रूप में उनकी अगली पारी होगी। इस बीच राज्य सरकार ने फायर सर्विस व होमगार्ड के डीजी संजीव सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया है।
रहे सीएम नीतीश कुमार के करीबी अधिकारी
गुप्तेश्वर पांडेय डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर चुनाव लड़ने वाले बिहार के पहले अधिकारी होंगे। डीजीपी रहते हुए उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी अधिकारी माना जाता था। अब उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी से ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
सुशांत मामले को ले राष्ट्रीय चर्चा में भी आए
गुप्तेश्वर पांडेय 31 जनवरी 2019 को बिहार के डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था। हाल के दिनों में अपने कई उल्लेखनीय कार्यों को लेकर वे चर्चा में बने रहे। मुख्य रूप से बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की माैत के मामले (Sushant Singh Rajput Death Case) में वे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए। सुशांत मामले में मुख्य आरोपित रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सवाल उठाने पर गुप्तेश्वर पांडेय ने रिया की औकात को लेकर सवाल कर विवाद भी खड़ा कर दिया था। बाद में उन्हें इसके लिए सफाई भी देनी पड़ी थी।
कड़क प्रशासक की रही छवि
गुप्तेश्वर पांडेय विशेष शाखा में आइजी रहे। वे मुजफ्फरपुर और दरभंगा जोन के आइजी तथा एडीजी मुख्यालय, एडीजी बेतार और एडीजी बीएमपी भी रहे। गुप्तेश्वर पांडेय को आम जनमानस के अलावा सरकार की नजर में अपराध नियंत्रक और कड़क प्रशासक की छवि रही।
सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार
बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार होमगार्ड के डीजी संजीव कुमार सिंघल को दिया गया है। गृह विभाग ने मंगलवार देर रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी। 1988 बैच के सीनियर आइपीएस अधिकारी संजीव कुमार सिंघल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा समेत कई जिलों के एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी और डीजी के पद पर कार्य कार्यरत रहे हैं। सिंघल का नाम बिहार के तेजतर्रार अफसरों में शुमार है। चर्चा है कि सरकार डीजीपी पद पर जल्दी ही सिंघल की पूर्णकालिक तैनाती कर देगी।