PURNEA:बनमनखी अंचल के विभिन्न हल्कों में राजस्व कर्मचारियों और उनके दलालों का तांडव बेरोकटोक जारी है.इस कारण जमीन मालिक परेशान हैं.इतना हीं नही अंचल अधिकारी की लापरवाही के कारण भूमि संबंधी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के रोज नई नई कहानियां सामने आ रही है. लेकिन विभागीय अधिकारी मौन साधे हुए हैं.ताजा मामला प्रखंड के पिपरा पंचायत का है.जहां एक जमीन का दो अलग अलग व्यक्ति के नाम से नामांतरण कर अंचल कर्मियों ने एक नया कृतिमान हांसिल कर दिया है.जिसकी चर्चा आज कल हर एक के जुबान पर है.लेकिन मामले में दोषी राजस्व कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही के बदले स्थानीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.जिससे पीड़ित जमीन मालिक दर बदर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.
मंगलवार को भी पीड़ित बुजुर्ग दम्पत्ति अंचल व अनुमंडल कार्यालय अपनी शिकायत लेकर पहुचे थे लेकिन सरकारी छुट्टी रहने के कारण अपनी व्यथा अधिकारी को नही सुना सके और थक हार कर दाहर मारकर रोने लगे.पूछे जाने पर बुजुर्ग दंपति दुखा दास व नीरो देवी ने जो बताया वह सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए. उन्होंने बताया कि मौजा पिपरा,खाता संख्या-327,खेसरा नंबर-1160,रकवा-31.5 डिसमिल जमीन का विधिवत नामांतरण होकर मेरे नाम से रसीद कट रहा है.उसी जमीन को गांव के हीं अनिल दास ने दिनांक 8 अगस्त 2017 को नामांतरण कराने के लिए आवेदन दिया.जिसका नामांतरण बाद संख्या-2277/17-18 है.
जिसे बाद अंचल कार्यालय द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया.तत्पश्चात उन्होंने अंचल अधिकारी द्वारा अस्वीकृत किये गए नामांतरण वाद के विरुद्ध भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में अपील किया.जिसे भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने भी दोनो पक्षों को सुनने व दस्तावेज के अवलोकन के बाद अपील वाद-01/2018-19 को अस्वीकृत कर दिया गया.उन्होंने कहा कि इसी बीच अनिल दास ने पुनः रुपये के बल पर मेरे जमीन का न केवल नामांतरण करवा लिया बल्कि रसीद कटवाकर मुझे मेरे जमीन से बेदखल करने में लगे हुए हैं.उन्होंने कहा कि इस बीच कई बार मुझे ओर मेरी पत्नी के साथ मारपीट किया गया जिसमें मेरी पत्नी का हाथ टूट गया.
शिकायत के बाद पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर विवादित भूमि पर धारा 144 के तहत कार्यवाही शुरू तो कर दिया लेकिन विपक्षी खुलेआम घर व जमीन खाली करने की धमकी दे रहा है.उन्होंने कहा कि रोज रोज अंचल कार्यालय का चक्कर लगा लगाकर थक गया हूँ.आश्चर्य की बात तो यह है कि वृद्ध दंपति बार बार कर्मचारी एवं अंचल अधिकारी से मिलकर निदान का बात कह रहा है. लेकिन संबंधित राजस्व ग्राम के कर्मचारी के तुगलकी फरमान के सामने किसी का नही चलता है.इधर अंचल कार्यालय व राजस्व कर्मचारी के इस अनोखी खेल से हर कोई हतप्रद हैं.
*कहते है अधिकारी:*
“पिपरा पंचायत के दुखा दास की जमीन का अनिल दास ने कथित एक केवला के आधार पर वर्ष 2017 में नामांतरण हेतु आवेदन दिया था.जिसे मेरे द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया था. बाद में उक्त मामले को अनिल दास ने भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील किया.वहां भी मामला खारिज हो गया था.इस बीच 2021 में अनिल दास द्वारा फिर से दाखिल खारिज हेतु ऑनलाइन किया गया.जो राजस्व कर्मचारी के लापरवाही से स्वीकृति हो गया.मामले में पीड़ित दुखा दास को पारित आदेश के विरुद्ध भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील करने की सलाह दिया गया है.
-अर्जुन कुमार विश्वास, अंचल पदाधिकारी, बनमनखी.