जिस डिलर को जांच के बाद बीएसओ ने दिया था क्लीनचिट,वीडियो वायरल होते हीं उसी के बिरुद्ध कराया प्राथमिकी दर्ज.

जिस डिलर को जांच के बाद बीएसओ ने दिया था क्लीनचिट,वीडियो वायरल होते हीं उसी के बिरुद्ध कराया प्राथमिकी दर्ज.


PURNEA:सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो के आधार पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी गणेश कुमार ने सरसी में तीन व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है.जिसमें कथित तौर पर वायरल वीडियो में बोल रहे एक शख्स के अलावा बोहरा पंचायत के मसूरिया के डीलर बिंदेश्वरी मेहता एवं रंजीत गुप्ता सहित तीन लोगों का नाम शामिल है.

इस बाबत पूछे जाने पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी गणेश कुमार ने बताया कि गुरुवार की सुबह से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में बोल रहे एक शख्स खुद को ट्रैक्टर चालक बताते हुए कह रहा है कि रंजीत मेहता के ट्रैक्टर व टेलर के माध्यम से डीलर बिंदेश्वरी मेहता के सरकारी दुकान से 36 बोरा गेहूं व्यापारी को देने जा रहा है.

इस वायरल वीडियो के आलोक में वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर वीडियो में बोल रहे ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर, मालिक एवं डीलर के विरुद्ध सरसी थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दिया गया है. इस संबंध में पूछे जाने पर सरसी थाना अध्यक्ष मधुरेंद्र किशोर ने बताया कि बीएसओ के लिखित आवेदन पर बोहरा पंचायत के डीलर सहित तीन व्यक्ति पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.

वायरल वीडियो में 36 बोरा गेहूं की बात कबूल रहे हैं चालक,तो 26 बोरा कैसे किया गया जप्त,10 बोरा गेहूं किसने किया गायब..?


दरअसल मंगलवार की देर रात करीब 10 बजे बोहरा के ग्रामीणों ने ट्रैक्टर पर लादकर ले जा रहे चालक को सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी के शक में पकड़ कर सरसी पुलिस को सूचना दिया गया था.बताया गया कि मौके पर जब तक सरसी पुलिस पहुंची तब तक वहां से चालक एवं ट्रैक्टर का टेलाड़ी गायब पाया गया. पुलिस ने मौके पर मौजूद गेहूं, ट्रैक्टर इंजन को अपने कब्जे में लेते हुए प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को सूचित किया. बुधवार को अगले सुबह मामले की जांच करने पहुंचे बीएसओ ने ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए 36 में से 26 बोरा खाद्यान्न को नजदीकी के एक डीलर मधुलता कुमारी के जिम्मेनाम पर सुपुर्द कर दिया गया.

तत्पश्चात आरोपी डीलर बिंदेश्वरी मेहता के दुकान एवं गोदाम का भौतिक सत्यापन भी किया गया. तत्पश्चात उन्होंने यह बताया कि ग्रामीणों के आरोप पर दोषी डीलर के दुकान एवं गोदाम की जांच की गई.जांच में पाॅस मशीन, स्टॉक पंजी के अनुकूल डीलर के दुकान में खाद्यान्न सही मात्रा में पाया गया. इसके बाद गुरुवार को वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर तीन व्यक्ति के विरुद्ध कराई गई प्राथमिकी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.जिस वायरल वीडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है उसमें ड्राइवर द्वारा स्पष्ट बताया जा रहा है कि 36 बोरा गेहूं खाद्यान्न पकड़ा है और वह बिंदेश्वरी मेहता का है, दूसरी तरफ पुलिस एवं बीएसओ के जांच में महज 26 बोरा गेहूं बरामद होने की बात बताई जा रही है.

ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि 10 बोरा गेहूं आखिर किसने गायब किया है.सबसे पहले मौके पर पहुची पुलिस या दूसरे दिन जांच करने पहुंचे अधिकारी या फिर वही ग्रामीण जिन्होंने गेहूँ पकड़ कर चालक से रिकोडेड बयान लिया फिर वायरल किया.वहीं बीएसओ द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों की शिकायत पर दोषी डीलर का गोदाम का जांच तो किया गया था जिसमें स्टॉक के अनुसार सब कुछ सही मात्रा में पाया गया.तो फिर किस दबाब में या किस आधार पर निर्दोष डीलर के बिरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई है. इसका माकूल जवाब न तो सरसी पुलिस देने में सक्षम है और न संबधित विभाग के अधिकारी.चर्चा तो यह भी है कि पुलिस व विभागीय अधिकारी के आपसी तालमेल-समन्वेय नही बैठ पाने के कारण मामला प्राथमिकी दर्ज कराने तक जा पहुचा.वर्ना सब कुछ नॉर्मल था.

टीम सम्पूर्ण भारत