चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने खोली नगर पंचायत प्रशासन की दावे के पोल,कई सरकारी कार्यालय परिसर व मुख्य बाजार के सड़कों पर बह रहा पानी.

चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने खोली नगर पंचायत प्रशासन की दावे के पोल,कई सरकारी कार्यालय परिसर व मुख्य बाजार के सड़कों पर बह रहा पानी.

नाले निर्माण पर करोड़ो खर्च बावजूद गंदे पानी के निकासी की नही हुई कोइ व्यवस्था.

–————————————-

पुर्णिया:-गत चार दिनों से लगातार हो रही बरसात ने एक बार फिर बनमनखी नगर पंचायत कि व्यवस्था का पोल खोल कर रख दिया है.17 वार्डों में विभक्त नगर पंचायत के अमूमन हर वार्ड के वासिंदे जल जमाव व किचर कि समस्या से त्रस्त हैं.जिसकी सुधि लेने वाले संवेदनशून्य हैं.गौरतलब है कि नगर पंचायत में गंदे पानी के निकासी की कोई माकूल व्यवस्था नहीं है.जिसके कारण घर से निकला गंदा पानी नाले में तो पहुंचता है पर नाले की स्थिति इतनी खराब होती है कि सड़कों पर बहने लगता है. दरअसल कुछ वार्ड को छोड़कर अन्य सभी वार्ड में नाले तो हैं परंतु उन नालों का निर्माण वर्षो पूर्व हुआ और आबादी के हिसाब से नाले के क्षमता को नहीं बढ़ाया गया.

दूसरी ओर सबसे बड़ी बात यह है कि नाले का पानी शहर में ही घूम-घूमकर रह जाता है और निचले इलाके में तालाब सा दृश्य नजर आता है.बताया गया कि आज से एक दशक पूर्व शहर के कई मोहल्लों में आबादी नही होने के कारण शहर का पानी उन्हीं इलाकों में चला जाता था.अब वह इलाका आवासीय हो चुका है. नतीजतन गंदे पानी का बहाव उस ओर नहीं हो पाता.हृदयनगर, शिक्षानगर, राजहाट, रेलवे कालोनी, ड्रेनेज कालोनी,गुप्ता पट्टी, दर्जी पट्टी, पासवान टोली, कोसी कॉलोनी,नगर पंचायत चौक,नेहरू चौक,मेहता चौक आदि ऐसे कई चौक व मुहल्ले हैं जहां से पानी का निकासी बाहर की ओर नहीं होता.

बताया जा रहा है कि लगातार हो रहे बर्षा से शहर का सभी मुख्य नाला पानी से लबालब है जहां हल्की बारिश होते हीं ओभरफ्लो होकर सड़क पर चला जाता है.हलांकि विगत दिनों बस स्टैंड से दर्जी पट्टी और रेलवे ढाला की ओर से धमदाहा जाने वाली सड़क के किनारे नाले का निर्माण तो किया गया है परंतु वह नाला भी पूरी तरह से भर चुका है. उन नाले में पानी नहीं बहता. गर्मी के दिनों में तो नाले में ही पानी सूख जाती है या फिर कहीं-कहीं जलजमाव की स्थिति होती है परंतु बरसात के दिनों में हर ओर पानी ही पानी नजर आता है.नगर पंचायत प्रशासन द्वारा नाले की सफाई तो लगातार की जाती है परंतु मजदूरों की संख्या वार्ड और उसके क्षेत्रफल के हिसाब से कम होती है. किसी-किसी वार्ड में तो महीने में अगर एक दिन सफाई कर्मी पहुंच जाएं तो बहुत बड़ी बात है.

आमलोग भी नाले को साफ रखने के प्रति जागरुक नहीं दिखते.नाला जाम होने का सबसे प्रमुख कारण प्रतिबंदित पॉलिथीन को सड़कों पर फेंकना है. नाले में पॉलिथीन जाकर जाम कर देता है जिससे गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है.गंदे पानी का निकास नहीं होने का प्रमुख कारण नाले और नहरों का अतिक्रमण है. नगर पंचायत के वार्ड नंबर तीन स्थित धिमा से होकर वार्ड नंबर चार होते हुए गंगेली, निपनियां की ओर जाने वाली नहर पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में है.बताया जाता है कि पहले बाजार के पानी का निकास उसी नहर में होता था. अब उस नहर को भरकर कई जगह सड़क बना दिए गए हैं. इसके अलावा रेलवे के आसपास गड्डे में शहर की गंदी पानी पूर्व में बहाया जाता था अब उक्त जगहों पर छोटी-छोटी नालियों का निर्माण किया गया है जिससे शहर का पानी निकलना संभव नहीं है.

आश्वासन से ऊपर कब होगी कवायद:

हर पांच वर्ष पर नगर पंचायत चुनाव के पूर्व शहर के दिन फिरने के स्वपन दिखाए जाते हैं. विकसित शहरों की तरह नाले व सड़क निर्माण की तस्वीर दिखाई जाती है. मगर चुनाव के बाद घोषणाओं से ऊपर कवायद नहीं होती. नगर पंचायत के अध्यक्षों द्वारा मास्टर प्लान सालों से एक आश्वासन का शब्द बनकर रह गया है. पानी निकासी के हर सवाल का जवाब मास्टर प्लान बनकर रह गया है.कई सालों से ये शब्द लोगों के कानों में तो जनप्रतिनिधियों के जुबान पर आते रहे हैं. मगर लोगों को मास्टर प्लान पर कार्य का इंतजार है तो देखना है सपने कब अमलीजामा पहनेगा.फिलहाल चार दिनों से हो रही बरसात ने नगर पंचायत के साख पर जो धब्बा लगाया है.उससे निपटने के लिए नगर प्रशसन को ठोस निति निर्धारण करना चाहिए ताकि आने वाले बरसात में जल जमाव कि समस्या से नगर वासियों को निजात दिलाया जा सके.चुकीं पिछले वर्ष के बरसात में कई आम लोग सहित सरकारी बाबुओं के घर में बरसाती पानी घुस गया था.तब आनन् फानन में नगर पंचायत प्रशसन को घर से पानी के निकासी करवाने में दम फुल गया था.पिछले वर्ष कि घटना से भी नगर पंचायत प्रशासन सिख नहीं लिया. जिसके कारण इस वर्ष हो रही लगातार बरसा ने नगर पंचायत प्रशासन का फजीहत करा रही है.


कहते हैं नगर अध्यक्ष :

“नगर पंचायत के बोर्ड की बैठक में जल निकासी को लेकर मास्टर प्लान बनाया गया.इसके लिए बड़ी राशी कि आवश्यकत है.हमलोगों का प्रयास है कि इस प्लान के तहत शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से निजात दिलाया जाए.नगर में मुख्य ड्रेन बनते हीं नगर पंचायत की सबसे मुख्य समस्या में से एक जलजमाव जड़ से समाप्त हो जाएगी.”

-विजय साह,मुख्य पार्षद,नगर पंचायत,बनमनखी


कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी:

“नगर का सभी नाला को एक दुसरे से जोड़ दिया गया है.निचले इलाके में जल जमाव कि समस्या उत्पन्न होते हीं पम्प सेट के माध्यम से नहर में भेजी जाती है.स्थायी समाधान के लिए मुख्य ड्रेन का प्रोजेक्ट तैयार कर विभागीय स्वीकृति के लिए भेजा गया है.विभागीय स्वीकृति मिलते हीं कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा.”

-अमित कुमार,कार्यपालक पदाधिकारी,नगर पंचायत,बनमनखी.