भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित की गई जिलास्तरीय लोरी लेखन प्रतियोगिता में पूर्णियां की वरिष्ठ साहित्यकार सह संस्कृत की व्याख्याता डॉ निरुपमा राय का प्रथम पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। मुकेश भगत ने दूसरा स्थान हासिल किया। इसके तहत नगद दस हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। डॉ निरुपमा राय की प्रथम स्थान पर चयनित लोरी शीर्षक है “मीठे सपनों के द्वार”। इसमें भारतीय सभ्यता संस्कृति और मूल्यों का गान है। कुल 27 पंक्तियों में निबद्ध लोरी में देश के प्रतिष्ठित चरित्रों का वर्णन है। लेखिका डॉ निरुपमा राय ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज के वर्तमान समय में भारतीय पुरातन संस्कृति से चली आ रही लोरी का अभाव होता जा रहा है। आधुनिक भागदौड़ भरी जिंदगी में ना मां लोरी लिखती सीखती और ना गाती है जिसके कारण बच्चे का जुड़ाव नहीं हो पाता है। ऐसे में संस्कृति मंत्रालय की ये पहल बहुत ही सराहनीय है। जिलास्तर पर चयनित होने के बाद प्रतिभागियों को राज्य स्तर पर आयोजित होनेवाले प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलेगा। इसमें चयन होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर इसे शामिल किया जाएगा। जिसमें प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करनेवाले विजयी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।